भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने मीडिया का सहारा लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा और कहा है कि उन्होंने मीडिया का पेट इतना अधिक भर दिया है कि मेरी जरूरत ही मीडिया को महसूस नहीं होती है।
पूर्व मुख्यमंत्री का मीडिया पर कटाक्ष
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना दर्द बयां करते हुए मीडिया और शिवराज दोनों पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा है कि वैसे तो में प्रचार- प्रसार की दुनिया से दूर रहता हूँ, लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया का पेट इतना ज्यादा भर दिया है कि मेरी जरूरत ही मीडिया को महसूस नहीं होती है। किसानों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज का हरेक किसान आधुनिक है। इसलिए वह तकनीकी और कानून दोनों को बखूबी समझता है। कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने का काम पंडित नेहरू, लालबहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी ने किया था।
कृषि कानून से होगा कृषि क्षेत्र का निजीकरण
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश की सत्तर फीसदी अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। नए कृषि कानून से केवल कृषि क्षेत्र का निजीकरण होगा। एमएसपी की संभावना भी आने वाले समय में खत्म हो जाएगी। बिल के चलते किसानों को कांट्रेक्ट फार्मिंग के लिए मजबूर कर दिया जाएगा। तीनो कानून सही मायने में काले कानून है। कृषि कानून से सबसे ज्यादा अगर कोई प्रभावित होगा तो वह मध्यप्रदेश है। मध्यप्रदेश में केवल बीस फीसदी ही लोगों को एमएसपी का लाभ मिल पाता है।
केंद्र सरकार की सोच में है खोट
एनडीए के समर्थक पार्टियां भी अब कृषि कानून को लेकर विरोध करने लगी हैं। केंद्र सरकार की सोच में बहुत खोट है। आजादी के बाद से ही जनसंघ देश के उद्योग धंधे का निजीकरण करने की बात करता था। बैंकों के राष्ट्रीयकरण के समय भी जनसंघ ने विरोध किया था। सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कर्जमाफी को लेकर वह बहुत झूठ बोलते रहे हैं। 16 जनवरी से छिंदवाड़ा से मैं किसान सम्मेलन की शुरुआत करने जा रहा हूं। इसे आंदोलन नहीं समझा जाये। कांग्रेस प्रदेश के किसानों को जागरूक करने के लिए सम्मेलन करेंगी।