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झिंझरकांड: थैली के जहर से गई थी 14 लोगों की जान, जानिए पूरा मामला

उज्जैन। जहरीली शराब कांड के आरोपी बर्खास्त सिपाही सुदेश खोड़े की बुधवार देर रात सेंट्रल जेल भैरवगढ़ में मौत हो गई। झिंझरकांड के नाम से कुख्यात इस हादसे में सुदेश खोड़े को दो अन्य पुलिसवालों के साथ बर्खास्त किया गया था। जहरीली शराब की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह से मृतक के तार जुड़े हुए पाए गए थे। आइए देखते हैं दे्श-प्रदेश को झकझोर देने वाले झिंझर कांड पर एक खास रिपोर्ट….

थैली के जहर से गई थी 14 लोगों की जान

उज्जैन के झिंझर कांड ने प्रदेश की सत्ता को हिलाकर रख दिया था। अवैध रूप से जहरीली शराब को बेचने का यह सिलसिला लंबे समय से जारी था। आरोपी फुटपाथ पर सोनेवाले और गरीब मजदूरों को प्लास्टिक की थैलियों में भरकर यह जहर बेचते थे। अपने धंधे की ढाल उन्होंने कुछ पुलिसवालों को बना रखा था। दिन ढलने के बाद जब राता का काला साया गहराने लगता था, तब जहर को बेचने का यह धंधा परवान चढ़ता था और मजदूर तबका उनका शिकार होता था।


उज्जैन में 14 अक्टूबर को भी सामान्य दिनों की तरह जिंदगी चल रही थी, लेकिन दिन ढलने के बाद और अंधेरा गहराने के साथ ही जहरीली शराब का कारोबार करने वाले आरोपी अवैध शराब को प्लास्टिक की थैलियों में भरकर बेचने के लिए निकल पड़े। महाकाल की इस नगरी में एक ऐसा तबका भी है जो दिनभर काम करने के बात अपनी रात खुले आसमान के नीचे गुजारता है। आसमान को छत समझने वाले यही लोग इन नशे के कारोबारियों की कमाई का खास जरिया थे।

थैलियों में हो रहा था जहर का कारोबार

उस रात को भी दिनभर थककर लौटे मजदूरों ने अपनी थकान मिटाने और सुकून के लिए इस अवैध शराब का सहारा लिया, लेकिन इन मजदूरों के द्वारा किया कुछ पल का नशा जल्द ही मौत में तब्दील हो गया। जहरीली शराब के कुछ घूंट जैसे ही इनके हलक के नीचे गए इन लोगों को अजीब सी बैचेनी महसूस होने लगी और कुछ देर में तड़फ-तड़फ कर जहरीली शराब के शिकार लोग दम तोड़ते चले गए। जहरीली शराब के शिकार मजदूरों की लाशें शहर के मुख्तलिफ हिस्सों में पाई गई। पहले तो पुलिस ने मामले पर पर्दा डालने की हरसंभव कोशिश की और इस हादसे को मानने से ही सिरे से इंकार कर दिया। लेकिन जब मौतों का सिलसिला आगे बढ़ा तो पुलिस के होश फाख्ता हो गए और जल्द ही प्रशासन हरकत में आया और इस अवैध कारोबार की जड़ों तक पहुंचने के लिए तहकीकात शुरू की गई।

धीरे-धीरे सारे मामले का पर्दाफाश हो गया और तफ्तीश में पता चला कि जिनके ऊपर इस अवैध कारोबार को रोकने की जिम्मेदारी थी वहीं इसकी खरीद-फरोख्त के धंधे से जुड़े हुए थे। थानों में बैठकर जहर की सौदेबाजी होती थी और कानून-कायदों को ताक में रखकर और अवैध शराब के आरोपियों के साथ मिलकर शहर और उसके आसपास जहरीली शराब का कारोबार किया जा रहा था। 36 घंटों के अंदर 14 लोग अपनी जान गंवा चुके थे।

पुलिसवाले कर रहे थे अवैध शराब का कारोबार

सीएम शिवराज ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शराब कांड की जांच करने के लिए गृह सचिव राजीव राजौरा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया। जांच में तीन पुलिसवालों नवाज शेख, अनवर और सुदेश खोड़े का नाम सामने आया। इन तीनों आरोपियों को तुरंत कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर गिरफ्तार कर लिया गया। बर्खास्त सिपाही सुदेश खोड़े की बुधवार देर रात सेंट्रल जेल भैरवगढ़ में हार्ट अटैक से मौत हो गई। रात करीब 2.40 बजे उसको सीने में दर्द हुआ था। शराब कांड में नाम आने के बाद सुदेश फरार हो गया था। पुलिस ने उसके ऊपर 10 हजार का इनाम घोषित किया था। एक महीने तक फरार रहने के बाद वह पुलिस की गिरफ्त में आया था।

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