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Janmashtami 2021: रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर ऐसे करें श्रीकृष्ण पूजा, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Janmashtami 2021: जन्माष्टमी के अवसर पर रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन रात्रि 12 बजे भगवान द्वारकाधीश का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन केशव की रात्रि पूजा से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। आइए जानते हैं रात की श्रीकृष्ण आराधना की कैसे करें तैयारी और कैसे करें पूजा।

पूजा- विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर को स्वच्छ करें। सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें और उसके पश्चात मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल की आराधना की जाती है। लड्डू गोपाल का जलाभिषेक कर झूले में विराजित करें और झूला झूलाएं। लड्डू गोपाल को माखन-मिश्री और विभिन्न मिष्ठान, फल, सूखे मेवे आदि का भोग लगाए। रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें और मेवा-मिष्ठान्न का भोग लगाकर आरती करें।

शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सोमवार 30 अगस्त को रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक है। इस तरह श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की पूजा की अवधि कुल 45 मिनट की है। जन्माष्टमी के व्रत का पारण भक्तगण लड्डू गोपाल की पूजा- अर्चना करने के बाद ही प्रसाद ग्रहण कर करते हैं, किंतु कुछ लोग लोग व्रत का पारण अगले दिन भी करते हैं। कुछ लोग व्रत का समापन रोहिणी नक्षत्र के समापन के बाद करते हैं। इसलिए व्रत के पारण का मुहूर्त इस प्रकार है।

रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ- 30 अगस्त सुबह 06 बजकर 39 मिनट से
रोहिणी नक्षत्र समापन- 31 अगस्त सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर।

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