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जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने लांच किया E-Library Mobile App, 15वीं सदी की कुरान की पांडुलिपियों का एक दुर्लभ संग्रह प्रदर्शित किया गया

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने लांच किया E-Library Mobile App

नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रजिस्ट्रार प्रोफेसर नाजिम हुसैन अल-जाफरी ने बुधवार को विश्वविद्यालय की डॉ. जाकिर हुसैन लाइब्रेरी में ‘E-Library Mobile App’ और ‘ऑटोमेटेड इन/आउट अटेंडेंस सिस्टम ऑफ लाइब्रेरी यूज़र्स’ को लॉन्च किया। जामिया के डॉ. जाकिर हुसैन लाइब्रेरी में आयोजित कुरान पर प्रदर्शनी के दौरान यह दो पुस्तकालय सेवाएं शुरू की गईं, जिसमें 15वीं सदी की कुरान की पांडुलिपियों का एक दुर्लभ संग्रह प्रदर्शित किया गया है।

निर्बाध एक्सेस की सुविधा प्रदान करेगा

जानकारी के अनुसार, डॉ. जाकिर हुसैन लाइब्रेरी को हजारों ई-जर्नल्स, ई-पुस्तकों और ई-डेटाबेस के साथ-साथ इनफ्लिबनेट केंद्र के ई-शोध सिंधु कंसोर्टियम ने दिया। E-Library Mobile App लाइब्रेरी के यूजर्स के लिए कहीं भी, कभी भी जानकारी और निर्बाध एक्सेस की सुविधा प्रदान करेगा। कार्यक्रम के दौरान शुरू की गई दूसरी सेवा ‘ऑटोमेटेड इन/आउट अटेंडेंस सिस्टम ऑफ लाइब्रेरी यूजर्स’ इस मायने में नई है। इसने लाइब्रेरी में इन/आउट मैनुअल अटेंडेंस सिस्टम के पहले की प्रैक्टिस को बदल दिया है। पुस्तकालय यूज़र्स ने बार कोड प्रौद्योगिकी संचालित इस अटेंडेंस सिस्टम की प्रशंसा की।

दुर्लभ प्रकाशित अनुवाद भी प्रदर्शित किए गए हैं

E-Library Mobile App इसके अलावा प्रदर्शनी में हिंदी, कन्नड़, मलयालम सहित कई भारतीय भाषाओं और जापानी, फ्रेंच, जर्मन, रूसी आदि अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में पवित्र कुरान के दुर्लभ प्रकाशित अनुवाद भी प्रदर्शित किए गए हैं। कार्यवाहक विश्वविद्यालय लाइब्रेरियन, डॉ. सूफियान अहमद ने प्रदर्शनी और पुस्तकालय की पेश की जाने वाली नई सेवाओं के बारे में जानकारी दी। इस बीच कुलसचिव ने विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन और उनकी टीम को लगातार अपने यूजर्स के लिए महत्वपूर्ण सेवाएं शुरू करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यूजर्स को पुस्तकालय संसाधनों और इसकी सेवाओं का उपयोग अपनी शैक्षणिक गतिविधियों में करना चाहिए।

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