पुरी। ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में 9 दिन की रथयात्रा 1 जुलाई 2022 से शुरू हो रही है। रथ बनाने का काम जोर-शोर से चल रहा है। इस बार यह भगवान जगन्नाथ मंदिर से एक किलोमीटर दूर पार्किंग से ही नजर आ रहा है। मंदिर परिसर के आसपास अतिक्रमण साफ हो चुका है। आसपास के 20 मठ भी हटा दिए गए हैं। इसलिए मंदिर भी दूर से देखा जा सकता है।
बदलाव की वजह है श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर कॉरिडोर का कायाकल्प। राज्य सरकार ने मार्च 2023 तक मंदिर परिसर को संवारने का लक्ष्य तय किया है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद श्रद्धालु पार्किंग से डेडिकेटेड रास्ते के जरिए सीधे मंदिर के उत्तर द्वार पहुंच सकेंगे। मुख्य सड़क पर ट्रैफिक नहीं रहेगा। कोरोना के पहले रथयात्रा में 7-10 लाख श्रद्धालु आते थे। इस बार 12-15 के लाख आने की संभावना है। विकास कार्य पूरे होने पर 25 लाख श्रद्धालुओं की क्षमता होगी।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने कुल 3200 करोड़ रु की योजना बनाई है, जो चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी। श्रद्धालुओं के लिए 3 धर्मशाला बनेंगी। मौजूदा पार्किंग परिसर चार मंजिला होगा। सूचनाएं देने के लिए नया सूचना केंद्र भी बनेगा। पुरी का जगन्नाथ मंदिर परिसर 19 एकड़ में फैला है। इसमें 7 एकड़ में मंदिर है। 12 एकड़ में विकास कार्य होने हैं। पूरा परिसर चौकोर आकार में विकसित होगा। इसकी 7 लेयर होंगी: विकास कार्य पूरे होने के बाद पुरी विरासत का अंतरराष्ट्रीय स्थल बन जाएगा। मंदिर के साथ पुरी नगर का भी कायाकल्प होगा।