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हॉर्ट में सही मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचना जरूरी | जानिये कैसे बचा जा सकता है हार्ट अटैक से

हॉर्ट में सही मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचना जरूरी | जानिये कैसे बचा जा सकता है हार्ट अटैक से

सही समय पर हो इलाज तो हार्ट अटैक से बचाई जा सकती है जान

हमारे शरीर के सभी अंगों को काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ये आक्सीजन हमारे रक्त के द्वारा शरीर के सभी हिस्सों तक पहुंचता है। आमतौर पर हार्ट अटैक की स्थिति तब बनती है, जब हृदय तक सही मात्रा में आक्सीजन नहीं पहुंचता है। हमारा हृदय बेहद संवेदनशील तंतुओं से मिलकर बना है।

अगर मात्र कुछ सेकंड्स के लिए भी हृदय के किसी हिस्से तक आक्सीजन न पहुंचे, तो उस हिस्से के संवेदनशील टिशूज मर जाते हैं। ऐसे में थोड़ी देर अवरुद्ध होने के बाद हृदय के उस हिस्से तक आक्सीजन पहुंचती भी है, तो वह हिस्सा काम करना बंद कर देता है और मरीज की मौत हो जाती है। हृदय तक आक्सीजन के न पहुंचने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- रक्त का गाढ़ा हो जाना, शरीर में पर्याप्त खून न होना आदि। हार्ट अटैक आने पर मरीज के सीने में तेज दर्द होता है और वो अपना शारिरिक संतुलन खोकर जमीन पर गिर सकता है। ऐसे में कुछ प्राथमिक उपचार के द्वारा अगर सही समय पर मरीज की सहायता की जाए, तो उसकी जान बचाई जा सकती है।

हार्ट अटैक आने पर एस्प्रिन का प्रयोग
हार्ट अटैक होने पर हर सेकंड कीमती है, क्योंकि हार्ट अटैक का मतलब है कि हर सेकंड में आपके हृदय की मांसपेशियां डैमेज हो रही हैं। इसलिए जैसे ही आपको लगे कि किसी व्यक्ति को या आपको हार्ट अटैक हो सकता है, तो सबसे पहले हार्ट अटैक आने पर मरीज को फौरन प्राथमिक उपचार दिया जाना चाहिये और तत्काल अस्पताल ले जाकर इलाज शुरू करना चाहिये।

इसके लिए हृदयाघात के लक्षण नजर आते ही मरीज को तत्काल 300 एमजी एस्प्रिन की गोली दें या मरीज के आसपास कोई नहीं मौजूद है, तो मरीज स्वयं को संभालते हुए जल्द से जल्द ये गोली लें। एस्प्रिन की थोड़ी सी मात्रा खून को पतला करती है, जिससे प्लाक जमा होने पर या धमनियों में रक्त का थक्का बन जाने के कारण होने वाली हार्ट अटैक की स्थिति में तुरंत राहत मिल सकती है। ऐसी स्थिति में चूसने वाली एस्प्रिन भी ली जा सकती है।

अगर किसी व्‍यक्ति को अचानक बहुत तेज सीने में दर्द हो अथवा वह बेहोश होकर गिर जाए, तो भी यह हृदयाघात का ही लक्षण हो सकता है। ऐसे में व्‍यक्ति को तत्काल चिकित्‍सीय सहायता दी जानी चाहिये। आराम भी इलाज का एक अहम हिस्सा होता है। अगर आइपॉक्सीमिया की शिकायत हो, तो आक्सीजन थेरेपी देना फायदेमंद होता है। इन सब स्थितियों के बावजूद जितनी जल्दी हो सके एंबुलेंस को फोन करें और तत्काल सहायता की मांग करें।

मरीज के सीने को दबाकर पंप करें
हमारे हृदय का काम रक्त को पंप करना होता है। हार्ट अटैक की स्थिति में हृदय काम करना बंद कर देता है ऐसे में शरीर के अन्य अंगों तक रक्त की आपूर्ति के लिए आपको मरीज को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिसोसिटेशन) देना चाहिए। सीपीआर में व्यक्ति के सीने को दबाना और मुंह से उसे सांस देना होता है। यह शरीर और दिमाग को आक्सीजन देने में सहायता करता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के दिशा निदेर्शों के मुताबिक भले ही आपने सीपीआर का थोड़ा ही प्रशिक्षण लिया है या नहीं लिया है, आपको ऐसी स्थिति में चैस्ट कंप्रेशन्स के साथ सीपीआर शुरू करना चाहिए।

कैसे दें सीपीआर
-सबसे पहले जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक आया है, उसे समतल जगह पर लिटाएं।
-अब व्यक्ति के सीने के पास बैठकर अपनी एक हथेली उसके छाती के बीच में रखें।
-दूसरी हथेली, पहली हथेली के ऊपर रखें।
-इस स्थिति में अपनी कोहनी को सीधा रखें।
-अब व्यक्ति के सीने के 5-6 सेन्टीमीटर के हिस्से को अपने शरीर का भार देकर जल्दी-जल्दी दबाएं।
-सीने को दबाते समय आपकी स्पीड एक मिनट में कम से कम 100 से 120 बार की होनी चाहिए।
-सीने को दबाते हुए हर 30 बार के बाद मरीज को मुंह से आक्सीजन दें।
-मुंह से आक्सीजन देते समय व्यक्ति की नाक बंद कर लें।
-इस बीच ध्यान दें कि आपके सांस देने के दौरान व्यक्ति की छाती ऊपर उठ रही है। अगर छाती ऊपर नहीं उठ रही है, तो व्यक्ति की मुंह को अपने गोद में रखकर फिर से दोबारा मुंह से आक्सीजन दें। इस तरह सीपीआर के माध्यम से एंबुलेंस के आने तक मरीज को जीवित रखा जा सकता है। यदि आप प्रशिक्षित नहीं हैं तो जब तक मदद नहीं आती कंप्रेशन्स करना चालू रखें।

हार्ट अटैक के लक्षण_
-सांसों की कमी
-थकान और कमजोरी
-अनियमित दिल की धड़कन
-अचानक वजन बढ़ना
-भूख में कमी
-पेट में सूजन
-ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
-छाती में दर्द
-पैर और टखने की सूजन

हार्ट अटैक आने से कैसे बचें?
आपकी जीवनशैली आपके दिल की विफलता के जोखिम को प्रभावित कर सकती है। एक गतिहीन जीवन शैली निश्चित रूप से दिल की विफलता की संभावना को बढ़ा सकती है। आपको उन आदतों को विकसित करना चाहिए जो यह सुनिश्चित करता है कि आपका दिल सही पंप कर रहा है। एक स्वस्थ जीवन शैली हृदय को स्‍वस्‍थ रखने में मदद करेगी। यहां कुछ हृदय को स्‍वस्‍थ रखने के टिप्‍स दिए गए हैं जो आपके हृदयघात के विभिन्न लक्षणों से बचा सकती हैं।

दिल की स्थिति का तुरंत इलाज करें-
यदि आपको हृदय से संबंधित कोई असमान्‍य स्थितियां हैं, तो आपको जल्द से जल्द उनका इलाज करना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थितियां दिल की विफलता को बढ़ा सकती सकती हैं। आपको अपने रक्तचाप को नियंत्रित करना चाहिए और हृदयघात की संभावना को कम करने के लिए अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना चाहिए। आपको दवाओं पर बहुत अधिक निर्भरता से भी बचना चाहिए। यदि आपको दिल के दौरे के किसी भी लक्षण का अनुभव हुआ है तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए क्योंकि दिल का दौरा पड़ने के साथ-साथ हृदयघात भी हो सकती है।

सही खाद्य पदार्थ चुनें-
हृदयघात के विकास के जोखिम को कम करने के लिए आपको अपने आहार में हेल्‍दी फूड लेना चाहिए, जो हृदय के लिए बेहतर हो। वसा, अतिरिक्त चीनी और नमक का सेवन सीमित करें। अच्छी वसा और ताजी सब्जियां और फल चुनें। हृदय को स्‍वस्‍थ रखने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं- हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, जामुन, नट और बीज और थोड़ी मात्रा में डार्क चॉकलेट।

धूम्रपान न करें –
धूम्रपान हृदय रोगों के लिए प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। निकोटीन का सेवन रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है, जिससे हृदय कठोर होता है। कार्बन मोनोआक्साइड रक्त में आॅक्सीजन को कम करता है और रक्त वाहिकाओं के लेयर को नुकसान पहुंचाता है। आपको अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान की लत को रोकने की कोशिश करनी चाहिए।

ज्यादा देर तक न बैठें-
आपका बैठने का काम आपको पूरे दिन के लिए बैठा देता है। यहां तक कि आपके पास नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। जब आप बहुत लंबे समय तक बैठते हैं तो आपको हृदय रोग होने की अधिक संभावना होती है। आपको अपने बैठने के समय को यथासंभव कम करना चाहिए। आपको अपने कार्यालय में या अपने दोपहर के भोजन के बाद घूमने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा, अपने व्यस्त कार्यक्रम में से कुछ समय व्यायाम करने में बिताने की कोशिश करें।

वजन को बढ़ने से रोकें-
यदि आपका वजन अधिक है तो उसे कम करें। मोटापा आपको हृदय रोगों का खतरा बढ़ाता है। मोटापा आपके रक्तचाप को भी बढ़ा सकता है जो आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद खराब है। वजन कम करने के लिए खुद को अधिक शारीरिक गतिविधियों में शामिल करें।

एक स्वस्थ हृदय को केवल कुछ छोटे-छोटे बदलावों की आवश्यकता होती है। आपके दिल के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए कुछ मामूली जीवनशैली में बदलाव पर्याप्त हैं। अपने आप को दवाओं पर बहुत अधिक निर्भर न करें और बस इन कुछ स्वस्थ आदतों को अपनाएं।

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