इंदौर। प्रदेश सहित शहर में भी इन दिनों गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता चला जा रहा है, जहां मौसम विभाग की ओर से आने वाले दिनों में लू चलने की संभावना भी जताई जा रही है। उधर, लगातार बढ़ते गर्मी के प्रकोप और लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसका पालन कर लोग लू से बचाव कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल चुका है, जहां गर्मी ने अपनी दस्तक देती है। वहीं मालवा-निमाड़ अंचल के इंदौर, खरगोन, अलीराजपुर, खंडवा और धार जिले में तापमान बढ़ने से लोग गर्मी महसूस कर रहे हैं। तेज गर्मी और लू से बचने के उपाय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शरद हरणे ने बताया कि, ग्रीष्मकाल में बढ़ते तापमान एवं लू से बचने के लिए जिले के सभी नागरिकों से सावधानियॉं बरतनें का आग्रह किया।
उन्होंने सभी नागरिको से अपील की है कि जिले में ग्रीष्मकाल में मई माह से जून माह तक 40 डिग्री सेल्सीयस के उपर तापमान पहुंच जाता है, इन महिनों में अधिक देर तक बाहर धूप में रहने से लू के शिकार हो जाते है इससे कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है। आहार विकार पर ध्यान देने से लू या संक्रमक रोगों से बचा जा सकता है।
15 बाद के बाद दिखेगा ज्यादा असर
प्रदेश में बेमौसम बारिश के बाद अब गर्मी का कहर बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 2-3 दिनं तक धीरे-धीरे दिन का तापमान बढ़ेगा। जबकि 13 और 14 मई को बादल छाएंगे। प्रदेश में 15 मई के बाद ही हीट वेव चल सकती है। फिलहाल प्रदेश में चक्रवाती तूफान मोचा का असर भी नजर आ रहा है। प्रदेश में अगले दो दिन तक भीषण गर्मी पड़ने के आसार है। भोपाल में 10 और 11 मई को तेज गर्मी रहेगी। विभाग का ये भी कहना है कि नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश में 12 और 13 मई को बादल छा सकते हैं और कुछ जिलों में आंधी-तूफान के साथ बारिश हो सकती है।

ये हैं लू के लक्षण
-लू के शिकार व्यक्ति को तेज सिर दर्द होता है मुंह-जुबान सूखने लगती है।
- माथे, हाथ,पैर से पसीना आता है व घबराहट होती है।
-प्यास लगती है, उल्टी होती है लेकिन भूख नहीं लगती है। हालत अधिक खराब होने से मरीज बेहोश हो जाता है।
-त्वचा एक दम शुष्क और तापमान 105 डिग्री तक हो जाता है।
-गर्मी कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। - बुखार के साथ हाथ पैरों में दर्द, आंखों और पैशाब में जलन के साथ ही कभी-कभी दस्त भी लगते है।
-पानी की कमी के कारण मृत्यु का खतरा भी बना रहता है।
लू से बचाव एवं सावधानी रखें
- गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे या तौलिये से ढंककर ही धूप में निकलें एवं रंगीन चश्में व छतरी का प्रयोग करें।
- गर्मी के दिनों में धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले कपड़ों का प्रयोग करें। बिना भोजन किये बाहर न निकलें।
-भोजन करके एवं पानी पीकर ही बाहर निकले।
-गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पीएं एवं पेय पदार्थों का अधिक-से-अधिक मात्रा में सेवन करें।
-जहां तक संभव हो ज्यादा समय तक धूप में खड़े होकर व्यायाम या मेहनत न करें।
-बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम में नहीं करें।
ऐसे करें इलाज
-रोगी को तुरन्त छायादार जगह पर कपडे ढ़ीलें कर लिटा दें एवं हवा करें।
-रोगी को होश आने की दशा में उसे ठण्डे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चे आम का पना आदि दें।
-प्याज का रस अथवा जौ के आटे को भी ताप नियंत्रण हेतु मला जा सकता है।
-रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिये यदि संभव हो तो उसे ठण्डे पानी से स्नान करायें या उसके शरीर पर ठण्डे पानी की पट्टियॉं रखकर पूरे शरीर को ढंक दें।
-इस प्रक्रिया को तब तक दोहरायें जब तक की शरीर का ताप कम नहीं हो जाता है।
-उक्त उपचार से यदि मरीज ठीक नहीं होता है तो उसे तत्काल निकट की चिकित्सा संस्था में भेजा जाये।