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इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र को मिलेगा राष्ट्रपति पुलिस पदक, सराहनीय सेवाओं के लिए मिलेगा सम्मान

 

इंदौर। इंदौर के पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र को सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक दिया जाएगा। हरिनारायणचारी मिश्रा पहले आइपीएस हैं जिन्होंने इंदौर से टीआइ (प्रशिक्षु) के रूप में अपना करियर शुरू किया और 16 साल बाद उसी शहर के पुलिस आयुक्त बनें। वे इसी जिले में एसडीओपी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डीआइजी और आइजी बनने वाले भी एकमात्र अधिकारी हैं। 2003 बैच के आइपीएस हरिनारायणचारी मिश्रा वर्ष 2005 में हातोद थाने के प्रभारी (प्रशिक्षु) के पद पर इंदौर आए थे।

प्रशिक्षण पूरा होने पर सरकार ने उन्हें एक साल बाद महू का एसडीओपी नियुक्त किया। इसके बाद वे बालाघाट, खंडवा, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हुए और 5 दिसंबर 2016 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के रूप में इंदौर आए। उन्हें मार्च 2017 में पदोन्नत किया गया और 15 मई 2019 तक शहर में डीआइजी के रूप में कमान संभाली।

गौरतलब है कि हरिनारायणाचारी मिश्र ने राजवाड़ा से लापता दुधमुंही बच्ची का अपहरण, दुष्कर्म और हत्या करने वाले आरोपी को पकड़कर 18 दिन में ही फांसी की सजा दिलवाई थी। उसका केस इतना मजबूत था कि कोर्ट को भी सुनवाई करने और फैसला सुनाने में वक्त नहीं लगा। हरिनारायणचारी मिश्र को राष्ट्रपति पदक का सम्मान पुलिस में उनकी सराहनीय सेवा के लिए दिया जा रहा है। इंदौर में रहते हुए भी उन्होंने बढ़ती आत्महत्याओं को रोकने के लिए संजीवनी हेल्पलाइन की शुरूआत की थी, जिससे काफी मदद मिली। मिश्र पहले आइपीएस हैं, जिन्होंने इंदौर से बतौर एसडीओपी शुरुआत की और फिर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डीआईजी और आईजी बने।

मिश्र ने लापता कांग्रेस नेत्री ट्विंकल डागरे हत्याकांड का बीईओएस टेस्ट से खुलासा कर भाजपा नेता कल्लू करोसिया को गिरफ्तार किया। – 42 करोड़ के आबकारी घोटाले में शराब ठेकेदारों की गिरफ्तारी करवाई। – 70 करोड़ रुपये कीमती ड्रग पकड़ कर अंडरवर्ल्‍ड से जुड़े लोगों को पकड़ा। – साइबर हेल्प लाइन के माध्यम से करोड़ों रुपये की राशि पीड़ितों को दिलाई।

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