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छतों पर बिजली बनाने में इंदौर प्रदेश में नंबर 1, लाखों यूनिट बिजली बन रही है रोजाना

इंदौर। घर हो या कारखाना, सरकारी परिसर हो या दुकान छत से बिजली बनाने के मामले में इंदौर नंबर 1 है। प्रदेश में सबसे ज्यादा नेट मीटर सोलर प्रकरण इंदौर से ही है। वर्तमान में दो हजार परिसरों की छतों पर लगे हजारों सोलर पैनलों से रोज लाखों यूनिट बिजली बन रही है। लिहाजा इन परिसरों का मौजूदा बिल या तो बहुत कम आ रहा है, या पहले की तुलना में कम आ रहा है। कई घर ऐसे भी है, जो शीतकाल में उनती बिजली बनाते हैं, जितनी बिजली वे खर्च भी नहीं कर पाते हैं।

3300 परिसरों की छतों से तैयार हो रही है बिजली

ऐसे में उन्हें बिजली यूनिट क्रेडिट में दे दी जाती है। पश्चिम मप्र में सबसे ज्यादा घरेलू छतों से बिजली इंदौर में बन रही है। यह प्रदेश में भी सर्वाधिक है। इंदौर बिजली कंपनी क्षेत्र में कुल 3300 परिसरों की छतों से बिजली तैयार हो रही है। इसमें से इंदौर शहर में दो हजार परिसर है। बड़ी बात तो यह हैं कि पिछले पांच माह में इंदौर में छतों से बिजली बनाने वालों की संख्या चार सौ बढ़ी है। इसी से सौर ऊर्जा से बिजली के प्रति इंदौरियों का आकर्षण झलकता है। इसके लिए बिजली कंपनी ने अमृत महोत्सव भी मनाया था, जिसमें रहवासियों को छतों से बिजली बनाने के लिए पैनल्स लगाने के लिए प्रेरित किया गया था। इंदौर शहर में सबसे ज्यादा और ऊर्जा क्षेत्र वाला जोन सत्य सांई जोन है। जहां 200 से ज्यादा स्थानों पर सौलर पैनल्स न केवल लगे है, बल्कि शत प्रतिशत परिसरों से रोज बिजली भी तैयार हो रही है। इस जोन के तहत वसंत विहार, महालक्ष्मी, रिंग रोड, शांति निकेतन, आनंदा कालोनी आदि में अपेक्षाकृत ज्यादा नेट मीटर सोलर सिस्टम लगे हुए है।

इंदौर के एमडी अमित तोमर के अनुसार ग्रीन एनर्जी के लिए शासन हर संभव प्रयास कर रहा है। इंदौर स्मार्ट सिटी में ज्यादा से ज्यादा लोग रूफ टाप सोलर एनर्जी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। यह गर्व की बात है। हमारे कार्यालयों में इस तरह के प्रकरण तेजी से हल किए जाते है।

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