हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर एयर पोर्ट के पक्षियो पर शोध किया जा रहा है, यह शोध इंदौर एयर पोर्ट के अंदर आने वाली पक्षियो और इंदौर एयर पोर्ट के बाहर की और उडान भरने वाले पक्षियो पर हो रहा है, वहीं किस-किस प्रजाती के कितने पक्षी विमानतल के आस -पास और अंदर मौजूद है उनकी संख्या कितनी है यह पक्षी देशी है या विदेशी सभी बातो का ध्यान रखा जा रहा है । आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस शोध के लिए बाकायदा 50 लाख का करार भी सेकोन शोध संस्थान से हो चुका है और वैज्ञानिक भी इंदौर पहुंच चुके है।
सेकोन कंपनी से हुआ है करार
इंदौर में विमान से पक्षियों के टकराने की घटनाए काफी हो चुकी है हालाकि हाल के सालों में इस तरह की घटनाओं में काफी कमी आई है, लेकिन भविष्य में भी इस प्रकार की घटनाए ना हो इसके लिए एयर पोर्ट पर पक्षियो पर शोध किया जा रहा है। एयर पोर्ट डायरेक्टर अर्यमा सान्याल ने बताया कि इस शोध के लिए लगभग 50 लाख रुपये का एग्रीमेंट साईन किया गया है जिसमें विमानतल और सेकोन (सेलीमेलिक अनीथोलॉजी सेंटर फॉर नेचरल साईसं )के बीच हुआ है। भारत में ऐसे शोध के लिए उनके वैज्ञानिक इंदौर विमानतल पर आ भी चुके है वे विमानतल के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर शोध करेंगे और वे इस शोध के आधार पर वे विमानतल अधिकारियों को बताएंगे कि कौन कौन से पक्षी यहां है और विमानतल पर होने वाले पक्षी आघात को कैसे कम किया जा सकता है। इस शोध के लिए वैज्ञानिको का दल इंदौर आ चुका है और उन्होने कार्य भी शुरु कर दिया है।
अब पक्षियो को भगाने के लिए फोडते है बम
जैसे जैसे इंदौर एयर पोर्ट का विस्तार हो रहा है और एयर लाईंस कंपनिया बड़ती जा रही है साथ हीं विमान के फेरे बड़ते जा रहे है ऐसे में विमान से पक्षियो के टकराने का खतरा भी बडता जा रहा है । इंदौर एयर पोर्ट के आस पास पक्षियो के नजर आने पर फिलहाल वहां का स्टाफ या तो एयर गन से उसे उडाने का प्रयास करते रहे है या फिर पटाखे छोडे जाते है जिससे डरकर पक्षी भाग जाए। यह तरीका काफी समय से प्रचलन में है जिससे कई विमान के आने के समय से पुर्व इस प्रयोग को किया जाता है ताकि पक्षियो के विमान से टकराने की घटनाओ पर विराम लगाया जा सके।