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Indore Accident: छह घरों के बुझे चिराग, सपनों को पीछे छोड़ दुनिया से हुए रुखसत

इंदौर । उनको इस बता का कतई गुमान नहीं था, कि जश्न की उनकी यह रात जिंदगी की आखिरी रात होगी और इसके बाद वह हमेशा के लिए इस दुनिया से रुखसत हो जाएंगे। पीछे छूट जाएंगे वो सभी रिश्ते-नाते, जिनके सपनों को पूरा करने के लिए वह इस शहर में बड़े अरमानों के साथ आए थे। उनका काफी याराना था, शायद इसलिए वह जिंदगी के आखिरी सफर में भी साथ रहे और एक-दूसरे का हाथ थामे अपनों को अलविदा कह गए।

सन्नाटे को चिरते हुए खामोश हो गई आवाजें

छह दोस्तों ऋषि, सूरज, चंद्रभान, सोनू, सुमित और गोलू ने जिंदगी के लिए बेहतर ख्वाब बुनने शुरू किए थे। दोस्ताना भी ऐसा था कि पढ़ाई से लेकर मौजमस्ती तक सभी बातें साथ में करते थे। रविवार की रात भी उनके लिए जश्न की रात थी। 22 फरवरी सोमवार को मौसम में हल्की ठंडक घुली हुई थी। रात को उन्होंने घूमने का प्लान बनाया और वो डिनर के लिए घर से निकल गए। जब देर रात वो वापस आए तब इंदौर शहर अलसाया हुआ नींद के आगोश में समा गया था। उस वक्त रात के ठीक एक बजकर 45 मिनट हो रहे थे। रात का सन्नाटा चारों और छाया हुआ था। तभी तेज रफ्तार स्विफ्ट कार में सवार छह जिगरी दोस्त देवास की ओर से आ रहे थे, लेकिन निरंजनपुर चौराहे पर आकर अचानक उनकी सांसों पर ब्रेक लग गया। उनकी कार ओव्हरटेक करने के चक्कर में सड़क पर ख़ड़े हुए एक टैंकर से टकरा गई। हंसती-खेलती जिंदगियों कि चित्कार सन्नाटे को चिरते हुए खामोश हो गई। इनकी धड़कनों के थमने के साथ वो सपने भी पीछे छूट गए थे, जो उन्होने अपने परिवार के साथ मिलकर देखे थे।

घर में थे इकलौते

दुर्घटना के शिकार हुए सूरज और देव दोनों चचेरे भाई है। सूरज निजी कंपनी में काम करता था। परिवार में सूरज इकलौता लड़का था। इसी तरह चचेरे भाई देव की भी सिर्फ एक छोटी बहन है। देव बीबीए की पढ़ाई कर रहा था। परिजनों का कहना है कि सूरज सभी को पार्टी के लिए लेकर गया था। मृतक सोनू विदेश में रहकर बीबीए कर रहा था और लॉकडाउन की वजह से घर आया था। वह परिवार में तीन बहनों के बीच इकलौता बेटा है। पिता किसान हैं। इसी तरह सुमित यादव के पिता किराना दुकान चलाते हैं। परिवार में किसी की मृत्यु होने की वजह से वह कानपुर गए थे। मृतक ऋषि पंवार भी घर का इकलौता चिराग था। उसके पिता टिफिन सेंटर चलाते है।

मृतक सुमित यादव के माता-पिता को कानपुर में जब इस हादसे की खबर मिली तो वे तुरंत इंदौर के लिए रवाना हो गए। इस दौरान रास्ते में उनका वाहन भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया।। हालांकि उनको कोई चोट नहीं आई और वे उसी वाहन से फिर इंदौर के लिए रवाना हो गए। सभी के शव का पोस्टमार्टम महाराजा यशवंतराव अस्पताल में किया गया।

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