Kabul: अफगानिस्तान के अब पूरी तरह से तालिबान की गिरफ्त में आने के बाद भारत वहां पर काम कर रहे अपने कर्मचारियों को बाहर निकालने में लगा हुआ है। भारत काबुल स्थित अपने दूतावास को बंद करने जा रहा है।
काबुल से रवाना हुए भारतीय यात्री
सी-17 ग्लोबमास्टर विमान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 120 से अधिक यात्रियों को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो चुका है। इससे पहले सोमवार को भी राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों के साथ 40 लोगों को लेकर एक विमान दिल्ली पहुंचा था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा, ‘मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि काबुल में हमारे राजदूत और सभी भारतीय कर्मचारी तुरंत भारत आएंगे।”
विदेश मंत्री की अमेरिकी समकक्ष से चर्चा
भारत को इस बात की आशंका है कि काबुल में उसके राजदूत और राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा की गांरटी नहीं दी जा सकती है। इसलिए दूतावास के अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों और कुछ भारतीय नागरिकों को सोमवार देर रात काबुल हवाईअड्डे के सुरक्षित इलाकों में लाया गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संबंध में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से चर्चा की और ट्वीट कर कहा कि , ‘अफगानिस्तान के ताजा हालात पर एंटनी ब्लिंकन से चर्चा की है। काबुल में हवाई अड्डे के संचालन को बहाल करने की तात्काल आवश्यक्ता पर जोर दिया गया। इस संबंध में चल रहे अमेरिकी प्रयासों की मैं सराहना करता हूं।”
ईरान होते हुए गया प्लेन अफगानिस्तान
भारत से रवाना हुए C-17 ग्लोबमास्टर ईरान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए अफगानिस्तान पहुंचे। दोनों विमानों ने अरब सागर के ऊपर से अधिक घुमावदार मार्ग का उपयोग करते हुए काबुल में उड़ान भरी थी ताकि पाकिस्तान के ऊपर से उड़ान भरने और अफगान हवाई क्षेत्र में बहुत अधिक समय बिताने से बचा जा सके।