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भारत ने किया UNO में अमेरिका के खिलाफ निंदा प्रस्ताव का समर्थन, जानें क्या है वजह

UNO: UNO में अमेरिका के खिलाफ एक निंदा प्रस्ताव पास हुआ है, जिसका समर्थन भारत ने भी किया है। क्यूबा पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के अमेरिका के फैसले के खिलाफ यह निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। 193 में से 184 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है।

अमेरिका, इजरायल ने किया विरोध

सिर्फ दो देशों अमेरिका, इजरायल ने इसका विरोध किया है। इसके अलावा ब्राजील, कोलंबिया और यूक्रेन इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए।वहीं चार देशों सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, म्यांमार, मोलडोवा और सोमालिया ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। मतदान के खिलाफ बोलते हुए अमेरिकी राजनयिक रोडनी हंटर ने कहा कि अमेरिका मानता है कि लोकतंत्र और मानव अधिकारों की रक्षा के लिए यह जरूरी है। क्यूबा को लेकर यह हमारी नीति का प्रमुख आधार रहा है।

क्यूबा पर प्रतिबंध का मामला

अमेरिकी राजनयिक ने क्यूबा पर लगे हुए प्रतिबंदों को उचित ठहराते हुए कहा कि हमारी ओर से लगाए गए प्रतिबंध जारी रहेंगे। अमेरिका ने आर्थिक प्रतिबंध हटाने से इंकार करते हुए 2016 में बराक ओबामा प्रशासन के प्रतिबंध हटाने के सुझाव को मानने से इनकार करते हुए 29वें साल भी क्यूबा पर आर्थिक प्रतिबंध जारी रखा है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में अमेरीकी कार्रवाई की घोर निंदा की गई है। वहीं क्यूबा के विदेश मंत्री ब्रूनो रोड्रिगेज ने बाइडेन प्रशासन पर पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की नीतियों के अनुसरण का आरोप लगाया।

क्यूबा पर आर्थिक चोट

गौरतलब है डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में क्यूबा पर आर्थिक, वाणिज्यिक और वित्तीय प्रतिबंध लगाए गए थे। इसके साथ ही पर्यटन उद्योग को झटका देने के इरादे से अमेरिकी नागरिकों के क्यूबा की यात्रा पर पाबंदी लगाई गई थी।इस वजह से क्यूबा को करीब 5 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था।

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