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भारत-चीन वार्ता: अप्रिय घटना को अंजाम नहीं दिया जाएगा, जल्द समाधान पर सहमति

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक बार फिर दोनों देशों के बीच वार्ता हुई। इसके मद्देनजर गुरुवार को भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 23वीं बैठक हुई।

सीमा विवाद पर चर्चा

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया और शांति बहाल करने के लिए पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ अन्य मुद्दों को तत्काल समाधान करने पर सहमति जताई। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ स्थिति पर स्पष्ट और गहन चर्चा की और 10 अक्टूबर 2021 को हुई दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के बाद के घटनाक्रम की भी समीक्षा की।

स्थिति सामान्य रखने पर सहमति

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष (भारत और चीन) इस बात पर सहमत हुए कि आगे जमीनी स्थिति सामान्य रहेगी और किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा दोनों पक्षों में वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के अगले (14वें) दौर को जल्द से जल्द आयोजित करने पर भी सहमति बनी है। हालांकि, इसको लेकर अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है। बताया गया है कि जल्द ही तारीख का एलान किया जाएगा।

12 दौर तक वार्ता रही विफल

इस गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर पर बातचीत के 13 दौर हो चुके हैं, लेकिन वार्ता अभी तक बेनतीजा रही। हर दौर में दोनों पक्षों ने अलग अलग बयान जारी कर एक दूसरे पर बातचीत के विफल होने का आरोप लगाया। भारत ने कहा कि यथास्थिति को बदलने की चीन की एकतरफा कोशिशें गतिरोध के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि चीन का आरोप था कि भारत को बड़ी मुश्किल से हासिल की गई मौजूदा स्थिति को संजो कर रखना चाहिए।

अरुणाचल में भारतीय सीमा चीन ने 6 किलोमीटर अंदर 60 इमारतें बनाई

विस्तारवादी चीन ने फिर भारतीय सीमा से सटे इलाकों में कब्जा करना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नई सैटेलाइट इमेज से अरुणाचल प्रदेश में चीन के एक और इन्क्लेव बनाने का खुलासा हुआ है। इसमें करीब 60 इमारतें होने का अनुमान लगाया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 तक इस इलाके में एक भी एन्क्लेव नहीं था, लेकिन एक साल बाद ही चीन ने कब्जा कर निर्माण कर दिया। कुछ दिन पहले भी अरुणाचल के एक हिस्से में चीनी सेना के कब्जे की जानकारी सामने आई थी। रिपोर्ट के मुताबिक नई इमारतें पुराने कब्जे से 93 किलोमीटर दूर हैं।

भूटान में बसाए 4 गांव

रिपोर्ट के मुताबिक नया एन्क्लेव भारतीय सीमा के 6 किलोमीटर अंदर है। यह इलाका अंतरराष्ट्रीय सीमा और वास्तविक नियंत्रण रेखा के बीच है। भारत हमेशा इस इलाके के भारतीय सीमा में होने का दावा करता आया है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन के नए एन्क्लेव की लोकेशन भारत सरकार की ऑनलाइन मैप सर्विस पर भी देखी जा सकती है। इसे सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया की निगरानी में तैयार किया जाता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस बारे में भारतीय सेना से भी बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह इलाका एलएसी के उत्तर में है। चीन पड़ोसी देश भूटान की सीमा में भी घुसपैठ कर चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपने बॉर्डर से लगे भूटान में करीब 25 हजार एकड़ क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं चीन ने यहां 4 गांव भी बसा दिए हैं। चीनी सैन्य विकास पर एक वैश्विक शोधकर्ता ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए ये नया खुलासा किया है। इन तस्वीरों में साफ तौर पर चीनी गांव देखे जा सकते हैं। भूटान और चीन के बीच इस जमीन को लेकर पुराना विवाद है। दोनों देशों का दावा है कि ये जमीन उनकी है।

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