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भारत ने रूस से खरीदा रिकॉर्ड स्तर पर कच्चा तेल, रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 10 फीसदी पर पहुंची

नई दिल्ली। भारत और रूस के संबंध दशकों से करीबी रहे हैं। अभी यूक्रेन पर हमले के बाद पैदा हुई प्रतिकूल परिस्थितियों से भी इस संबंध पर कोई असर नहीं पड़ा है। पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच बढ़े व्यापार से यह बात साफ होती है. आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल के बाद से भारत ने रूस से 50 गुना ज्यादा कच्चा तेल खरीदा है।

रूस से भारत की तेल खरीद पिछले कुछ महीने में किस तरह से बढ़ी है, उसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि यूक्रेन के साथ लड़ाई शुरू होने से पहले रूस से भारत महज 0.2 फीसदी तेल खरीद रहा था। अप्रैल महीने में यह बढ़कर 10 फीसदी पर पहुंच गया। भारत के तेल आयात बास्केट में अप्रैल महीने में रूस की हिस्सेदारी 10 फीसदी रही।

रूस अब भारत के टॉप 10 तेल सप्लायर्स में से एक है। भारत रूस से ऐसे समय में तेल की खरीद बढ़ा रहा है, जब विभिन्न कारणों से ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें आसमान पर हैं, बढ़ी कीमतों के बीच भारत रूस से सस्ते में इसका आयात बढ़ा रहा है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद क्रूड ऑयल की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं और यह कई महीने से 100 डॉलर प्रति बैरल के पार बना हुआ है, हालांकि अमेरिका व उसके सहयोगी देशों के प्रतिबंधों के चलते रूस का क्रूड ऑयल सस्ता है, इसका फायदा भारत और चीन जैसे देश उठा रहे हैं। क्रूड ऑयल की बढ़ी इस खरीद के चलते अप्रैल महीने में रूस से भारत का कुल आयात बिल बढ़कर 2.3 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया, जो ठीक एक साल पहले की तुलना में 3.5 गुना है।

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