Independence Day 2021: दो देशों की सेनाएं जब आमने-सामने होती है तो वह फतह और शहादत के लिए जंग लड़ती है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है जब किसी देश की सेना किसी दुश्मन देश के सैनिक की बहादुरी को सलाम करे और उसकी सेना को लिख कर कहे कि इस सैनिक की वीरता का सम्मान करना।
पाक सेना का कैप्टन था शेर खां
यह वाकिया कारगिल युद्ध का है। टाइगर हिल को भारत ने फतह कर लिया, लेकिन पाक सेना के कैप्टन कर्नल शेर ख़ां इतनी बहादुरी से लड़े कि भारतीय सेना ने उनकी वीरता और शहादत को सलाम किया। पाक सेना ने टाइगर हिल पर पांच जगहों पर उन्होंने अपनी चौकियां बना रखी थीं। भारत की पहली कोशिश कब्जा करने की विफल रही। भारतीय सैनिकों ने दोबारा इकट्ठा होकर हमला किया। ब्रिगेडियर एमपीएस बाजवा का कहना है कि कैप्टन शेर खां इस लड़ाई में बहादुरी से लड़ा, लेकिन हमारे जवान कृपाल सिंह ने उसको मार गिराया।
शेर ख़ां की भारत ने की थी तारीफ
कैप्टन शेर खां के मरते ही पाक सेना के हौंसले पस्त हो गए। ब्रिगेडियर बाजवा का कहना है कि हमने वहां 30 पाकिस्तानियों के शवों को दफ़नाया. लेकिन मैंने सिविलियन पोर्टर्स भेजकर कैप्टेन कर्नल शेर ख़ाँ के शव को नीचे मंगवाया, पहले हमने उसे ब्रिगेड हेडक्वार्टर में रखा। जब शेर ख़ां की बॉडी सौंपी गई तो ब्रिगेडियर बाजवा ने एक चिट रखी जिस पर लिखा था, ‘कैप्टन कर्नल शेर ख़ां ऑफ़ 12 एनएलआई हैज़ फ़ॉट वेरी ब्रेवली एंड ही शुड बी गिवेन हिज़ ड्यू.’ यानी कैप्टन शेर ख़ाँ बहुत बहादुरी से लड़े और उन्हें इसका श्रेय मिलना चाहिए.
शेर ख़ां को मिला था निशान-ए-हैदर
पाक सरकार ने इस बहादुर सैनिक की शहादत को सलाम किया और उनको वीरता का सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-हैदर दिया गया और उनके सम्मान में डाक टिकट निकाला गया। कैप्टन शेर ख़ाँ के भाई अजमल शेर ने बयान जारी कर भारत को सलाम किया और कहा कि अल्लाह का शुक्र है कि हमारा दुश्मन भी कोई बुजदिल दुश्मन नहीं है. अगर लोग कहें कि इंडिया बुजदिल है तो मैं कहूँगा नहीं क्योंकि उसने एलानिया कह दिया कि कर्नल शेर हीरो हैं।