India vs New Zealand Indore Match Tickets: भारत और न्यूजीलैंड के बीच इंदौर में 24 जनवरी को खेले जाने वाले वनडे मैच के टिकटों की ऑनलाइन बिक्री में गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है. उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने अदालत का वक्त बर्बाद करने के कारण याचिकाकर्ता पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी ठोका है.
उच्च न्यायालय ने कहा है कि इस व्यक्ति ने आरोपों की प्रामाणिकता जांचे बगैर केवल लोकप्रियता हासिल करने के लिए याचिका दायर की. कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव (56) ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI), मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (MPCA) और राज्य सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी.
कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाए थे कि एमपीसीए ने 12 जनवरी को टिकट की बिक्री सुबह 6 बजे ऑनलाइन शुरू की थी. पेटीएम और इनसाइडर साइट से हुई टिकट बिक्री में मात्र 1 मिनट में 3 हजार 118 टिकट बिक गए और अगले दूसरे मिनट में 1600 टिकट बिके और पांच मिनट के अंदर 6 हजार 260 टिकटों की बिक्री हो गई. 15 मिनट में सभी सस्ती कैटेगरी के टिकटों की बिक्री हो गई. जो इतने कम समय में संभव नहीं है, क्योंकि बैंकिंग ट्रांजेक्शन, ओटीपी जनरेट होने में डेढ़ से दो मिनट का समय लग ही जाता है. ऐसे में ऑनलाइन टिकट बिक्री के नाम पर गड़बड़ी की गई है.
एमपीसीए के वकील ने दी ये दलील
मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से सीनियर एडवोकेट अजय बागड़िया ने पैरवी करते हुए कोर्ट को बताया था कि 16 हजार टिकट बिक्री के लिए रखे गए थे. बाकि सात हजार टिकट कॉप्लीमेंट्री रखे गए हैं. 4 हजार टिकट एमपीसीए और बीसीसीआई के सदस्यों को दिए जाएंगे. टिकट बिक्री में पूरी पारदर्शिता बरती गई. याचिकाकर्ता ने सिर्फ समाचार पत्रों में छपी खबर के आधार पर याचिका दायर की है. उनके पास अपनी बात साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं हैं. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
कोर्ट ने फैसले में याचिका खारिज करते हुए ये कहा
कोर्ट ने फैसले में इस बात पर नाराजगी जताई है कि याचिकाकर्ता ने बिना किन्हीं ठोस सबूतों के याचिका दायर की है. इससे कोर्ट का कीमती समय खराब हुआ. टिकट की बिक्री तीन दिन तक जारी रही थी. कोर्ट ने राकेश सिंह यादव पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया. साथ ही हाई कोर्ट रजिस्ट्रार से कहा यदि याचिकाकर्ता 30 दिन के भीतर हर्जाने की रकम जमा नहीं करते हैं, तो वो उनके खिलाफ अलग से केस दर्ज करें ताकि रकम की वसूली की जा सके. इस फैसले पर एमपीसीए के प्रेसीडेंट अभिलाष खांडेकर ने कहा एमपीसीए कभी टिकटों की ब्लैक मार्केंटिंग नहीं करता है. देश में कोई एसोसिएशन ये काम नहीं करता. एमपीसीए पर मिथ्या आरोप लगाए गए थे. जो कोर्ट ने खारिज कर दिए हैं.