इंदौर। फर्जी ई-वे बिल की जांच में और तेजी आए इसे लेकर आयकर आयुक्त ने हिदायत दी। हिदायत मिली की जल्द आयकर विभाग जांच में तेजी लाए। जानकारी
के मुताबिक विभाग ने ऐसे लोगों की सूची भी तैयार कर ली है। अब जल्द उन पर कार्रवाई की तैयारी है। सीजीएसटी और साइबर क्राइम इंदौर ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करके गुजरात से नकली बिलों का जो फजीर्वाड़ा उजागर किया था वह कई महीनों से चला आ रहा है। आमिर हालानी और अरशान मर्चेंट ही नहीं, गुजरात में ऐसे 50 से अधिक समूह हैं, जो फेक इनवॉइस बनाकर पूरे देश में सप्लाई कर रहे हैं। इन्हीं बिलों के दम पर सालाना ढाई हजार करोड़ अधिक का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लैम किया जा रहा है। चूंकि सरकार क्लैम के तौर पर यह राशि कथित कारोबारियों को वितरित कर चुकी होती है इसीलिए इस राशि की रिकवरी भी नहीं हो पाती।
फर्जी फर्माें पर लगाना चाहिए अंकुश
जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सबसे बड़ी खामी है बिना भौतिक सत्यापन के कंपनियों का पंजीयन सिर्फ संचालकों के आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों पर ही किया जाना। जीएसटी काउंसिल ने दिसंबर 2020 में जीएसटी पंजीकरण के लिए भौतिक सत्यापन अनिवार्य कर भी दिया लेकिन न सीजीएसटी के अधिकारियों ने भौतिक सत्यापन में रुचि ली, न एसजीएसटी डिपार्टमेंट ने इस कारण से फर्जी फर्मों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक फर्जी ई वे बिल मामले में आयकर विभाग की रड़ार पर भी कई नाम आ चुके है। विभाग इन पर पैनी नजरे बनाए हुए है विभाग इन पर जल्द कार्रवाई करेगा।
बड़े करदाताओं का रिकार्ड भेजा
आयकर विभाग ने बडे करदाताओं का रिकार्ड पूरा कर मुख्य कार्यालय भेज दिया है। हाल ही में मुख्यालय ने सभी सर्कलों से बड़े करदाताओं का रिकार्ड तलब किया था। इंदौर के अलावा भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर शामिल है इन सभी सर्कलों से बड़े करदाताओं का रिकार्ड मांगा था।
बन रही है अलग यूनिट
आयकर विभाग स्टेट जीएसटी प्रदेश के बड़े करदाताओं के लिए अलग यूनिट बना रहा है। इन करदाताओं के लिए एक विशेष विभाग लार्ज टैक्सपेयर यूनिट गठित किया जा रहा है। इंदौर में 60 करोड़ रुपए ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों को एलटीयू में शामिल किया जाएगा। प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों में टर्नओवर की सीमा इंदौर के मुकाबले आधी या उससे भी कम रहेगी। रतलाम, उज्जैन और खंडवा क्षेत्र के लिए 30 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार कर रहे व्यवसायी एलटीयू में शामिल होंगे। भोपाल क्षेत्र में भी 30 करोड़ या अधिक टर्नओवर वाले कारोबारी एलटीयू में रखे जाएंगे। जबलपुर, सतना, सागर और छिंदवाड़ा में यह सीमा 25 करोड़ जबकि ग्वालियर संभाग के लिए 20 करोड़ निर्धारित की गई है। अभी तक जीएसटी में करदाताओं का रिकार्ड उनके क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग सर्कलों में बंटा हुआ है।
विंग और पूर्व में वैट अधिनियम में बनाई गई एलटीयू का संविलयन कर जीएसटी की एलटीयू गठित की जा रही है। बीते दिनों सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी की सिफारिश के आधार पर यह किया जा रहा है।