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लगातार बारिश से पूरे प्रदेश में हालात बिगड़े, नर्मदा समेत पार्वती, बेतवा, केन, टेम्स खतरे के निशान पर, 52 में से 27 से ज्यादा बांध लबालब

इंदौर\भोपाल। मप्र के अधिकांश जिलों में दो दिन से जारी बारिश के कारण मंगलवार को पूरे प्रदेश में हालात बिगड़ गए। नर्मदा, चंबल, बेतवा जैसी बड़ी नदियों के साथ ही छोटे नदी-नाले उफान पर आ गए। बांधों में पानी खतरें के निशान से ऊपर बह रहा है। कई जिलों में निचली बस्तियों के जलमग्न होने की खबरें हैं, तो वहीं राजधानी भोपाल में भी भारी बारिश से तबाही जैसे हालात बने हुए हैं। भोपाल, होशंगाबाद और आस पास के क्षेत्रों में जारी बारिश के चलते नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। अत्याधिक बारिश के चलते नसरुल्लागंज का छिदगांव काछी से संपर्क टूट गया है। वहीं,कोलार नदी के ब्रिज पर 15 फीट से अधिक पानी बहता रहा।

राजधानी भोपाल समेत इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर, शिवपुरी, छतरपुर, शाजापुर, देवास, रीवा, कटनी, सतना, छिंदवाड़ा जिलों में भारी बारिश से हाल बेहाल रहे। नदी से लगे क्षेत्रों में निचली बस्तियां जलमग्न हो गई हैं। तो वहीं कई जगह रपटों के ऊपर से बह रहे नालों की वजह से आवागमन अवरुद्ध हो गया है। नर्मदापुरम जिले में नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। नर्मदा बेसिन में हो रही तेज बारिश के कारण नर्मदा नदी का जलस्तर और बढ़ने के आसार हैं। इसे देखते हुए नर्मदापुरम, हरदा, नरसिंहपुर, देवास, रायसेन, सीहोर, बड़वानी जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।

नर्मदा नदी से लगे जिलों में अलर्ट जारी

भोपाल, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के सभी जिÞलों तथा गुना, शिवपुरी, सागर और देवास में अगले 24 घंटे में वर्षा की स्थिति को देखते हुए बरगी डेम के 21 में से 13 गेट खोलकर 3000 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। बीते दो दिनों से मंडला, डिंडोरी तथा अन्य जिलों में रूक-रूककर जारी बारिश के चलते बरगी डैम 89 फीसदी भर गया।

तवा डेम के सभी 13 गेट खोले

तवा नदी में भारी बारिश के चलते जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिसके चलते तवा बांध के सभी 13 गेट खोलकर 8610 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। सुखतवा नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी अस्थाई ब्रिज के ऊपर से बह रहा है। यहां भारी बारिश होने पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बारना के 8 में से 6 गेट खोलकर 1700 क्यूमेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है।

इंदौर-खंडवा मार्ग पर मोरटक्का पुल बंद

इंदौर-खंडवा रोड स्थित मोरटक्का पुल से मंगलवार को आवागमन बंद कर दिया गया। इस से लंबा जाम लग गया। इंदिरासागर व ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलने के बाद खंडवा जिले में हाई अलर्ट जारी किया। निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों को रेस्क्यू करने के निर्देश दिए गए हैं। मोरटक्का पुल से आवागमन बन्द कर दिया गया है। इस वजह से लंबा जाम लग गया है।

इंदौर के लिए 15 दिन भारी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा इंदौर जिले में अगले 15 दिन भारी वर्षा एवं आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। कलेक्टर मनीषसिंह के निर्देश पर एहतियात के तौर पर तत्काल प्रभाव से महू क्षेत्र के सभी घाट, मछुआरों का नदियों में आवागमन और अतिवृष्टि वाले क्षेत्रों में पिकनिक स्पॉट पर जाना पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। महू एसडीएम अक्षत जैन ने इन महू क्षेत्र के ऐसे सभी स्थानों पर धारा 144 लागू कर दी है। यह आदेश महू, किशनगंज, बडगोंदा, मानपुर, सिमरोल की सीमा में लागू रहेंगे।

इन पिकनिक स्पॉट पर जाने पर पाबंदी

इंदौर जिले में पर्यटन स्थल और पिकनिक स्पॉट जैसे चोरल, चोरल नदी, चोरल डेम, पातालपानी, सीतलामाता फॉल, मेहंदीकुण्ड, तिन्छा फाल, कजलीगढ, वाचू पाइंट, जानापाव कुटी, कालाकुंड आदि स्थानों पर जनसामान्य की आवाजाही आगामी 15 दिन के लिए पूर्णत: बंद की गई है। यह प्रतिबंध 31 अगस्त तक लागू रहेगा।

सीहोर में कलेक्टर-एसपी ने ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला

सीहोर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर और एसपी मयंक अवस्थी खुद ही बाढ़ संभावित क्षेत्र सोमालवाड़ा के निवासियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं। शाहगंज में राहत शिविर बनाया गया है जिसमें पेयजल, भोजन, दवाएं आदि तथा ठहरने की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं गई हैं। महिलाओं, बच्चों और वृद्धजनों को सबसे पहले लाया जा रहा है। यद्यपि अभी गांव में पानी नहीं आया है लेकिन तवा और बरगी डेम के गेट खोले जाने के कारण नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से सोमालवाड़ा में पानी आने की आशंका है।

मप्र में 21 फीसदी ज्यादा बारिश

प्रदेश में अब तक अगस्त की सामान्य बारिश से 21% अधिक पानी गिर चुका है। भोपाल में सीजन का बारिश का कोटा 46 दिन पहले ही पूरा हो हो गया। इस बार 52 में से 27 से ज्यादा बांध लबालब भर चुके है, जिनके गेट खोलने पड़े है। वहीं, नर्मदा समेत बड़ी नदियां खतरे के निशान के पास बह रही है। प्रदेश में 16 अगस्त तक सामान्य बारिश की तुलना में ज्यादा बारिश पांच जिलों में दर्ज की गई है। इसमें भोपाल में 94% अधिक, बैतूल में 79% अधिक, छिंदवाड़ा में 78% अधिक, राजगढ़ में 69% और देवास में 66% अधिक ।

कई नदियां उफान पर

-प्रदेश की नर्मदा समेत पार्वती, बेतवा, केन, टेम्स और चंबल नदी मंगलवार को डेंजर लेवल के करीब बहती रही।
-पार्वती नदी का डेंजर लेवल मकसुदनगर गुना में 409.96 मीटर है। दोपहर 12 बजे नदी 408.90 मीटर के लेवल पर बह रही थी।
-बेतवा का रायसेन के नीमखेड़ा में डेंजर लेवल 431.50 मीटर है, जो मंगलवार दोपहर 12 बजे 426.25 मीटर लेवल पर बह रही थी।
-नर्मदा नदी का डेंजर लेवल होशंगाबाद के सेठानी घाट पर 293.83 मीटर है, जो दोपहर 12 बजे 294.55 मीटर पर बह रही थी।
-केन नदी का डेंजर लेवल पन्ना के पंडवान में 296.75 मीटर है, जो दोपहर 12 बजे 292.20 मीटर लेवल पर बह रही थी।
-टेम्स नदी का डेंजर लेवल सतना के मैहर में 323.90 मीटर है, जो दोपहर 12 बजे 319.05 मीटर लेवल पर बह रही थी।
-चंबल नंदी का डेंजर लेवल उज्जैन के नागदा में 460.90 मीटर है, जो दोपहर 12 बजे 451.70 मीटर लेवल पर बह रही थी।

मप्र के चार महानगरों की स्थिति

इंदौर: यहां पूरे सीजन में 839.7 एमएम बारिश होती है। 16 अगस्त तक शहर में 562.2 एमएम बारिश का अनुमान होता है। अब तक 699.7 एमएम बारिश हो चुकी है। यानी इस माह तक सामान्य से 5 प्रतिशत अधिक।
भोपाल: यहां सीजन में 998.6 एमएम बारिश होती है। 16 अगस्त तक सामान्य वर्षा 634.1 एमएम होने का अनुमान होता है। अब तक राजधानी में 1228.4 एमएम बारिश हो चुकी है।
ग्वालियर: यहां पूरे सीजन में 790.0 एमएम बारिश होती है। 16 अगस्त तक शहर में 460.2 एमएम बारिश का अनुमान था। अब तक 481.7 एमएम बारिश हो चुकी है। जोकि अगस्त माह की सामान्य बारिश से 6% अधिक है।
जबलपुर: यहां पूरे सीजन में 1090.3 एमएम बारिश होती है। 16 अगस्त तक सामान्य बारिश 741.5 होने का अनुमान था, लेकिन यहां पर अब तक 699.5 एमएम बारिश ही दर्ज हुई है। जोकि अगस्त माह के सामान्य से 6% कम है।

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