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अस्पतालों में चल रही बेड्स की किल्लत को देखते हुए ,बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा 700 रूपए मजदूरी में बनाए जा रहे बेड्स

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। बढ़ते संक्रमण से अब शहर के अस्पतालों में ना बेड मिल पा रहा ना ही ऑक्सीजन मिल पा रहा यहाँ तक की कोरोना पीड़ितों को दवाइयों के लिए भी कई मेडिकल स्टोर भटकना पढ़ रहा है । इस महामारी के समय दो तरह के लोग देखने को मिल रहे है। एक वो जो इस वैश्विक महामारी में भी दवाईयाँ ,ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर रहे हे। दुसरे वह लोग जो अपनी जान की परवाह ना करते हुए ,नि स्वार्थ मन से लोगों की मदद कर रहे है कोई एक वक्त का खाना पंहुचा रहा है तो कोई ऑक्सीजन की मदद कर रहा है। ऐसे ही शहर के एक बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा बड़ी सँख्या में बेड्स बनाकर अस्पताल में दिए जा रहे है ।

अस्पतालों में बेड्स की कमी को देख उठया कदम

इन्दौर में कलेक्टर कार्यालय के नजदीक फेब्रिकेशन की दुकान संचालित करने वाले सुनील वर्मा करीबन 20 वर्षो से फेब्रिकेशन का काम कर रहे हैं। वह केवल अलमारी , पलंग पेटी सहित अन्य उपकरण बनाना जानते थे। लेकिन पिछले दिनों शहर के अस्पतालों में बेड्स की कमी को देखते हुए उन्होंने अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर घर में ही मौजूद उपकरण के आधार पर प्रयोग किया और लिफ्ट पलंग सहित नॉर्मल पलंग बनाने का काम शुरू कर दिया। शुरुआत में जहां एक दिन में 50 पलंग बनाने का आर्डर मिल रहा था वहीं अब ऑर्डरो की झड़ी लगी हुई है ।

700 रूपये मजदूरी में बन रहे पलग

अस्पतालों में इस समय सबसे ज्यादा बेड्स की कमी आ रही है। जिसको देखते हुए सुनील वर्मा द्वारा यह सराहनीय काम करा जा रहा है। मृदुभाषी की टीम ने जब सुनील से बात की तो उन्होंने बताया कि इन बेड्स को वो 500 व 700 रुपये की मजदूरी में बना कर दे रहे है। जिसका रॉ मटेरियल हॉस्पिटल ही मुहैया करवा रहा है। खैर सुनील वर्मा के इस काम से कई अस्पतालों में बेड्स की समस्या सुलझती हुई दिखाई दे रही है।

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