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परीक्षा केंद्र में लड़कियों के दुपट्टे उतरवाए, कुर्ती का बटन काटा

राजस्थान। राजस्थान में हिजाब फिर मुद्दा बन गया. राजस्थान की इस सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती परीक्षा रीट में नकल रोकने के लिए एक तरफ महिला परीक्षार्थियों को दुपट्टे, पायल औऱ लंबी बाहें के कुर्ते यहाँ तक की सुहाग की निशानी मंगलसूत्र और बिछिया तक पहनकर अंदर नहीं जाने दिया, सभी परीक्षा केन्द्रों पर कैंची से लंबी बाहे के कुर्ते काटे गए. लेकिन हिजाब पर रोक नहीं थी. इस पर बीजेपी ने इसे गहलोत सरकार के मुस्लिम तुष्टिकरण का नतीजा बताया. वहीं सरकार की तरफ से सफाई आई की जब हिजाब पर केंद्र सरकार की ओर से ही कोई रोक नहीं, तो फिर राजस्थान सरकार क्यों रोके. दरअसल रीट परीक्षा को लेकर डूंगरपुर में 32 परीक्षा सेंटर बनाए गए हैं। इन सेंटर्स पर सुबह 6 बजते ही स्टूडेंट्स का पहुंचना शुरू हो गया था।

स्टूडेंट्स ने सबसे पहले परीक्षा सेंटर के बाहर लगी रोल नंबर की लिस्ट पर अपने रोल नंबर के साथ रूम नंबर चेक किया. सभी सेंटरों पर सुबह से ही पुलिस टीम तैनात कर दी गई थी. साढ़े 8 बजे से स्टूडेंट का परीक्षा सेंटर पर प्रवेश शुरू हुआ, लेकिन इससे पहले ही स्टूडेंट्स को चेकिंग की परीक्षा से गुजरना पड़ा।

सख्ती से चेकिंग

लड़कों और महिलाओं के लिए अलग-अलग कतारें लगाई गईं थीं. पहले पुलिसकर्मियों ने सभी स्टूडेंट्स को चेक किया. शहर के मॉर्डन स्कूल, एमबी स्कूल, बीएड कॉलेज, गुरुकुल, महारावल स्कूल, किशनलाल गर्ग स्कूल में महिलाओं और युवतियों के दुपट्टे उतरवा कर रखवा दिए गए. इस प्रक्रिया से महिलाएं और युवतियां थोड़ी नर्वस भी लगी. साथ चप्पल, जूते भी बाहर उतरवा दिए गए।

यही नहीं, महिलाओं के मंगलसूत्र, चूड़ियां, बालों की क्लिप, साड़ी पिन भी निकलवा दी गई. जिन महिलाओं की सलवार पर बटन लगी हुई थी, उसे कैंची से काट दिया गया. कई स्टूडेंट्स को चोट लगी हुई थी, जिस पर पट्टी बंधी हुई थी, उसे भी चेकिंग के दौरान खुलवा दिया गया. रीट परीक्षा के पहले दिन शनिवार को पहली पारी में 11 हजार 160 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं, जबकि दोपहर के समय दूसरी पारी में 9 हजार 216 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे।

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