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कई राज्यों में 220 तो कहीं 720 रुपए प्रतिदिन मिल रही मजदूरों को मजदूरी, केरल अव्वल

नई दिल्ली। भारत में हर 12 मिनट में एक दिहाड़ी मजदूर आत्महत्या कर लेता है। कई बार आत्महत्या की वजह आर्थिक तंगी ही रहती है। आरबीआई की नई रिपोर्ट मजदूरों की दिहाड़ी को लेकर कई खुलासे करती है। 2021-22 के आंकड़े बताते हैं कि मजदूरों को दिहाड़ी देने में गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्य सबसे पीछे हैं, जबकि केरल ऐसा राज्य है जहां मजदूरों की दिहाड़ी सबसे ज्यादा है।

आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 में खेतीहर मजदूरों की दिहाड़ी का राष्ट्रीय औसत 323.2 रुपए था। मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में खेतीहर मजदूरों की दिहाड़ी 217.8 रुपए मिली जबकि, गुजरात में ये 220.3 रुपए रही। दूसरी ओर, केरल में ग्रामीण खेतीहर मजदूरों को 726।8 रुपये की दिहाड़ी मिली। बाकी राज्यों की बात करें तो ओडिशा में 269.5 रुपए, त्रिपुरा में 270 रुपए, महाराष्ट्र में 284.2 रुपए और यूपी में 288 रुपए की दिहाड़ी रही।
वहीं, केरल के बाद सबसे ज्यादा दिहाड़ी जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु ने दी। जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण इलाकों में खेतीहर मजदूरों को 524.6 रुपए, हिमाचल में 457.6 रुपए और तमिलनाडु में 445.6 रुपए दिहाड़ी मिली।

  • कंस्ट्रक्शन वर्कर्स

ग्रामीण इलाकों में कंस्ट्रक्शन के काम में लगे पुरुष मजदूरों को 2021-22 में औसतन 373.3 रुपये दिहाड़ी मिली। यहां भी केरल सबसे आगे और एमपी-गुजरात सबसे पीछे रहे। केरल में कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को 837.7 रुपए की दिहाड़ी मिली। जबकि एमपी में 266.7 रुपए और गुजरात में 295.9 रुपए की दिहाड़ी मिली।

गैर-कृषि मजदूर की दिहाड़ी

खेती से हटकर और दूसरे कामों में लगे मजदूरों की औसत दिहाड़ी 326.6 रुपए रही। केरल यहां भी टॉप पर रहा और एमपी-गुजरात सबसे नीचे। केरल में गैर-कृषि कामों में लगे पुरुष मजदूरों को 2021-22 में 681.8 रुपए की दिहाड़ी मिली। वहीं, एमपी में 230.3 और गुजरात में 252.5 रुपए की दिहाड़ी ही मिली।

मनरेगा में हर राज्य की अलग मजदूरी

मनरेगा यानी महारात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी। इसके तहत साल में 120 दिन मजदूरों को काम दिया जाता है। हर राज्य में मजदूरी दर अलग-अलग रहती है। मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को सबसे ज्यादा दिहाड़ी हरियाणा में मिलती है। हरियाणा में मजदूरों को हर दिन 331 रुपए दिहाड़ी दी जाती है। उसके बाद गोवा है जहां 315 रुपए दिहाड़ी मिलती है। केरल तीसरे नंबर पर है और यहां के मजदूरों की दिहाड़ी 311 रुपए है।

हर 12 मिनट में दिहाड़ी मजदूर करता है आत्महत्या

भारत में हर 12 मिनट में एक दिहाड़ी मजदूर आत्महत्या कर लेता है। ये जानकारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट में है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल देशभर में आत्महत्या करने वालों में 42,004 दिहाड़ी मजदूर थे। इनमें 4,246 महिलाएं भी थीं। इस हिसाब से पिछले साल हर दिन औसतन 115 और हर घंटे 5 दिहाड़ी मजदूरों ने सुसाइड कर अपनी जान दे दी। हर साल आत्महत्या करने वालों में हर चौथा इंसान दिहाड़ी मजदूर ही होता है।

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