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मध्यप्रदेश में एक तरफ महिलाओं को मिलेंगे 1 हजार रूपए महीना, दूसरी तरफ बिजली की दरों में 1.65 फीसदी की वृद्धि

मध्यप्रदेश में एक तरफ महिलाओं को मिलेंगे 1 हजार रूपए महीना, दूसरी तरफ बिजली की दरों में 1.65 फीसदी की वृद्धि

भोपाल। अगर बात की जाए महगाई की तो भारत में मध्यप्रदेश के रेट हर चीज में सबसे आगे आ आरहे है, पेट्रोल में हो या दूसरी चीजों की तो मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का नाम सबसे ऊपर है।

बतादें कि मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने मंगलवार को घरेलू और व्यवसायिक बिजली (home and commercial electricity) यूनिट की नई दरें (new rates) जारी कर दीं।

बतादें कि इसमें 1.65 फीसदी की बढ़ोतरी (1.65 percent increase) की गई है। इसके साथ ही घरेलू उपभोक्ताओं (एलवी-1) के लिए न्यूनतम शुल्क को समाप्त कर दिया गया है। वहीं, निम्न दाब गैर घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता (एलवी-2) और निम्न दाब औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ता (एलवी-4) के टैरिफ में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उपभोक्ताओं से कोई भी मीटरिंग चार्जेस नहीं लिया जाएगा। आयोग ने मंगलवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

ऊर्जा मंत्री ने कहा- महंगाई की तुलना में हुई मामूली वृद्धि

बिजली की दरों में वृद्धि को लेकर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए जारी टैरिफ में औसत 1.65 प्रतिशत की मामूली वृद्धि की है, जबकि गत वर्ष की तुलना में महंगाई 9.3 प्रतिशत बढ़ी है।

निम्न दाब गैर घरेलू श्रेणी तथा निम्न दाब औद्योगिक श्रेणी की विद्युत दरों में कोई भी वृद्धि नहीं की गई है। ऊर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि वर्तमान में शासन द्वारा दी जा रही सब्सिडी के कारण 100 यूनिट तक विद्युत खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ता एवं फ्लेट रेट कृषि उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों पर इस मामूली वृद्धि का भी कोई प्रभाव नहीं रहेगा।

घरेलू उपभोक्ताओं पर न्यूनतम चार्ज समाप्त कर दिया गया है। उच्च दाब उपभोक्ताओं की माँगों का ध्यान में रखते हुए इस वर्ष केवीएएच के आधार पर प्रस्तावित बिलिंग को मान्य नहीं किया गया है।

ग्रीन एनर्जी से बिजली का उपयोग कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि मेट्रो रेल के लिये अलग श्रेणी बना कर विद्युत दरें निर्धारित की गई हैं। इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों के लिये स्थाई प्रभार को समाप्त किया गया है। पर्यावरण के लिये जागरूक उपभोक्ता, जो रिन्यूएबल एनर्जी का ही उपयोग कर कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना चाहते हैं, वह 0.97 प्रति यूनिट का अतिरिक्त भुगतान कर ग्रीन एनर्जी से बिजली का उपयोग कर सकते हैं। वर्तमान दरें 1.13 रुपये में 16 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है। उपभोक्ताओं को कोई भी मीटरिंग चार्ज नहीं लगेंगे। घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक के बिल पर 10 रुपये तक बढ़ाये गये हैं, लेकिन इन उपभोक्ताओं को अटल गृह ज्योति योजना में पहले की तरह मात्र 100 रुपये का ही भुगतान करना होगा।

आयोग ने 1648 करोड़ रुपये के राजस्व अंतर को स्वीकृत किया है

दरअसल, विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 49 हजार 530 करोड़ रुपये सकल राजस्व की आवश्यकता प्रक्षेपित की गई है। वहीं, विद्यमान विद्युत दर (टैरिफ) पर राजस्व अंतर की 1537 करोड़ रुपये की राशि की भरपाई के लिए वर्तमान विद्युत दरों में 3.20 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव किया गया। विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा वर्ष 2021-22 की सत्यापन याचिका भी प्रस्तुत की है।

जिसके द्वारा राजस्व अंतर की राशि 3276 करोड़ रुपये का दावा किया गया है। हालांकि, जांच के बाद आयोग ने 1648 करोड़ रुपये के राजस्व अंतर को स्वीकृत किया है। आयोग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 48 हजार 993 करोड़ रुपये की सकल राजस्व आवश्यकता को स्वीकार किया है। जिसमें अब तक निर्णित सभी सत्यापन याचिकाएं शामिल हैं।

विद्यमान विद्युत दर (टैरिफ) में राजस्व अंतर के रूप में 795 करोड़ रुपये को आयोग द्वारा मान्य किया गया है। इस अंतर की भरपाई के लिए विद्युत दर (टैरिफ) में मात्र 1.65 फीसदी की वृद्धि स्वीकार की गई है।

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