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इंदौर में दूध उत्पादक किसान और उपभोक्ता हो रहे लूट के शिकार

इंदौर। किसानों से 35 रुपए लीटर दूध खरीद कर 50 से 55 रुपए लीटर तक बेचा जा रहा हैं। इंदौर दुग्ध संघ और दुध व्यापारियों द्वारा भारी मुनाफाखोरी कर जहां दूध उत्पादक किसानों को कम भाव दिया जा रहा है, वहीं उपभोक्ताओं को ऊंचे दाम पर दूध बेचा जा रहा है और वह भी गुणवत्ता विहीन। इंदौर दुग्ध संघ द्वारा 6 .40 रुपए प्रति फैट के हिसाब से दूध खरीद रहा है, वही दूध व्यापारी भी 35 से 40 रुपए प्रति लीटर ही खरीद रहे है। जबकि बाजार में दूध 50 से लेकर 55 रुपए प्रति लीटर बेचा जा रहा है । कुछ कंपनियों के पैकेजिंग वाले दूध 58 प्रति लीटर तक बिक रहा है। इस तरह से प्रति लीटर दूध पर 15 से 20 रुपए की मुनाफाखोरी करने के बावजूद उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता का दूध नहीं मिल रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा के बबलू जाधव, रामस्वरूप मंत्री, लखन सिंह डाबी, शैलेंद्र पटेल आदि ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि दुग्ध संघ और दूध व्यापारियों की मुनाफाखोरी के खिलाफ किसान संगठन अब मैदान में आ रहे हैं। बताया कि वर्तमान में खली 2900 रुपए प्रति बोरी और भूसा 1000 रुपए प्रति क्विंटल तथा पशु आहार भी दोगुना भाव हो गया है। पशुओं की कीमत भी आसमान पर है इसके बावजूद किसानों को दूध का लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है।

उन्होंने इंदौर दुग्ध संघ व व्यापारियों से मांग की है कि दूध का प्रति फेट 8 रुपए प्रति लीटर किसानों को दिया जाए, साथ ही गुणवत्ता के मामले में भी शासन प्रशासन सख्त कार्यवाही करते हुए प्रयास करे कि उपभोक्ता को कम से कम 5 फैट का दूध मिले। अभी वर्तमान में गाय के दूध के नाम पर दो ढाई फैट का दूध बेचा जा रहा है जो किसान और उपभोक्ता दोनों के साथ ठगी है । इस मामले में किसान संगठनों के प्रतिनिधि संभागायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे और मांग करेंगे कि दूध के भाव प्रति फैट 8 रुपए दिए जाने तथा उपभोक्ताओं को शुद्ध दूध उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें।

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