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भारत में 10 फीसदी लोगों के पास 57 प्रतिशत दौलत, जबकि 50 फीसदी के पास सिर्फ 13 प्रतिशत

नई दिल्ली। हिंदुस्तान में गरीब और अमीर लोगों के बीच काफी बड़ा अंतर है। देश की दौलत का बड़ा हिस्सा दौलतमंद लोगों के पास है, जबकि मुल्क की बड़ी आबादी दो जून की रोटी को तरसती रहती है। यह खुलासा ‘विश्व असमानता रिपोर्ट 2022’ में हुआ है।

10 फिसदी के पास 57 फीसदी हिस्सा

इस रिपोर्ट के मुताबिक देश की 10 फिसदी आबादी के पास राष्ट्रीय आय का 57 फीसदी हिस्सा है। जबकि 50 फीसदी निचले तबके के पास सिर्फ 13 फीसदी हिस्सा है। साल 2021 के आकंड़ों पर आधारित इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2020 में देश की वैश्विक आय भी काफी निचले स्तर पर पहुंच गई है। इस रिपोर्ट के लेखक लुकास चांसल हैं जो ‘वर्ल्ड इनइक्यूलैटी लैब’ के सह-निदेशक हैं। इस रिपोर्ट को फ्रांस के अर्थशास्त्री थॉमस पिकेट्टी समेत कई विशेषज्ञों के सहयोग से बनाया गया है।

50 फिसदी आबादी के पास 13 फीसदी

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वर्तमान में दुनिया के सर्वाधिक असमानता वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की वयस्क आबादी की औसत राष्ट्रीय आय 2,04,200 रुपये है। देश की 10 फीसदी उच्च वर्गीय आबादी की आय 11,66,520 रुपये है जो सामान्य से 20 गुना ज्यादा है, जबकि 50 फिसदी आबादी की आय सिर्फ 53,610 रुपये है। इसके अनुसार भारत के 10 प्रतिशत उच्च वर्गीय लोगों के पास राष्ट्रीय आय का 57 फीसदी,एक फीसदी आबादी के पास 22 फीसदी, जबकि 50 फीसदी आबादी के पास महज 13 फीसदी है।

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में औसत घरेलू संपत्ति 9,83,010 रुपये है। इसके अनुसार भारत कुलीनवर्ग से भरा हुआ है और एक गरीब और काफी असमानता वाला देश है।

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