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MP Illegal colony News: कॉलोनाइजर्स को बुलाकर शिवराज करेंगे बात, कॉलोनी निर्माण के नियमों को किया जाएगा सरल

MP Illegal colony News कोलोनाइजर्स को बुलाकर करूंगा बात, कॉलोनी निर्माण के नियमों को किया जाएगा सरल

MP Illegal colony News: 31 दिसंबर 2022 तक निर्मित अवैध कॉलोनियों को शीघ्र वैध किया जाएगा

MP Illegal colony News: मप्र मे अवैध कॉलोनियों को नियमित करने एवं भविष्य मे अवैध कॉलोनियों (illegal colony) का निर्माण रोकने के लिए शिवराज सरकार ने महत्वपूर्ण योजना तैयार की है ,इसके अंतर्गत 31 दिसंबर 2022 तक निर्मित अवैध कॉलोनियों को शीघ्र वैध किया जाएगा एवं अब से कोई अवैध कालोनी का निर्माण न हो इसके लिए भी नियम, बनाए जा रहे है।

सरकार शीघ्र ही प्रदेश के कोलॉनाइजरों को बुलाकर अवैध कॉलोनियों के निर्माण रोकने एवं नवीन कालोनी निर्माण मे आ रही परेशानियों को समझकर नियमों का सरलीकरण करेगी, जिससे की भविष्य मे अवैध कॉलोनियों का निर्माण न हो , यह कदम अभी तक अवैध कॉलोनियों (illegal colony) के निर्माण को रोकने की दिशा में एतिहासिक एवं मील का पत्थर साबित हो सकता है।

31 दिसंबर 2022 तक प्रदेश मे लगभग 3000 से ऊपर अवैध कॉलोनियाँ (illegal colony) है जिनको नियमित करने की योजना मप्र सरकार ने बनायी है , वैसे तो पूर्व मे कई बार इस तरह की घोषणायें सरकार द्वारा की जा चुकी है मगर पहली मर्तबा सरकार ने इन अवैध कॉलोनियों के विकास पर आने वाले खर्च को स्वयं उठाने की घोषणा की है।

सरकार के इस जनहितैषी फैसले से प्रदेश के लाखों परिवार लाभान्वित होंगे

क्यों बनती है अवैध कालोनियाँ

मृदुभाषी ने इस संबंध मे कालोनी निर्माण करने वाले कई कोलोनाइजरों से बात की नतीजतन कॉलोनी निर्माण के लिए आवश्यक अनुमतियों मे आने वाली परेशनीया एवं लंबी प्रक्रिया अधिक खर्च एवं अधिकारीयों की उदाशीनता के साथ-साथ लैन्ड यूज भी अवैध कॉलोनियों के निर्माण का बहुत बड़ा कारण है।

कोलोनाइजर्स का कहना है कि एक 5 एकड़ की कॉलोनी निर्माण मे लगभग 15 से 20 लाख रुपए विकास अनुमती के लगते है ,जबकि इसके बदले मे कालोनी मे कोई कार्य सरकार द्वारा आंतरिक या बाह्य विकास का नहीं किया जाता है इसके अलावा बाबू से लेकर कलेक्टर तक महीनों अनुमति की फाइलो को दबाकर रखते है एवं अनुचित पैसों की मांग अलग से की जाती है।

प्रदेश मे कई जिलों में सैकड़ों फाइल अकारण अनुमती के लिए लंबित पड़ी है , अधिकारीयों की मनमानियों के कारण कानूनन कार्य करने मे दिक्कतें आने से अवैध कॉलोनियों (illegal colony) का निर्माण शुरू हों जाता है, इसके अलावा शहर से लगी हुयी जमीनों के उपयोग कृषि होने से भी अवैध कॉलोनियाँ निर्मित हो रही है।

ऐतिहासिक होगा सरकार का यह फ़ैसला

मप्र के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने कोलोनाइजर्स को बुलाकर उनकी नब्ज टटोलने का प्रयास कर रही है ,नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह के मुताबिक शीघ्र ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह प्रदेश के कोलोनाइजर्स को बुलाकर कॉलोनी निर्माण के संबंध में आ रही समस्याओं को जानकार उनका निराकरण करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाकर नियमों का सरलीकरण करेंगे ,जिससे की भविष्य मे अवैध कॉलनियों (illegal colony) का निर्माण न हो सके।

अधीकारीयों पर गिरेगी गाज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कॉलनियों के वैध करने के साथ -साथ यह भी कहा की अब अगर अवैध कालोनी का निर्माण होता है तो संबधित अधिकारीयों को दोषी मानकर उन पर कार्यवाही की जाएगी

जानिये, क्या है वैध एवं अवैध कालोनी मे अंतर

वैधानिक नियम अनुसार किसी भी कालोनी के निर्माण से पूर्व , सरकार से कोलोनाइजिंग का लाईसेंस प्राप्त करना होता है , कोलोनाइजर जिस भूमि पर कालोनी विकसित करना चाहता है यदि उस भूमि का भू-उपयोग अवासीय अथवा व्यावसायिक होने पर ही भूमि के उपयोग अनुसार कॉलनी के विकास की अनुमति मिल सकती है

कालोनी निर्माण की प्रक्रिया हल्का पटवारी से शुरू होकर संबंधित प्राधिकारी तक पहुँचती है जो कि कलेक्टर या अनुविभगीय अधिकारी होता है इस दौरान कालोनी अनुमती की फाइल विभिन्न विभागों मे एवं कई कर्मचारीयों की टेबल से गुजरती है और अंत मे रेरा एवं कालोनी विकास पूर्णता प्रमाणपत्र के साथ समाप्त होती है।

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