इंदौर। IIT इंदौर के एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर ने इरास्मस यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर (इरास्मस एमसी) -नीदरलैंड्स और इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबियल केमिस्ट्री-जापान के शोधकर्ताओं के सहयोग से, SARS-CoV-2 जो COVID-19 का कारण है, के खिलाफ प्रभावी इलाज खोजा है.
डॉ मिर्जा एस बेग, IIT इंदौर के बायोसाइंसेज और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं । डॉ बेग ने अपनी अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों की टीम के साथ ‘ड्रग्स’ और ‘वायरोलॉजी’ जैसी प्रतिष्ठित वैज्ञानिक शोध-पत्रिकाओं में अत्यधिक दिलचस्प शोध प्रकाशित किया है। वे कहते हैं कि यह नई औषधि एक प्रोटीन का छोटा सा हिस्सा (पेप्टाइड) है जिसका उपयोग ना सिर्फ़ COVID-19 के इलाज के लिए बल्कि SARS-CoV-2 संक्रमण से दूर रखने के लिए भी किया जा सकता है। दिलचस्प बात यह है कि उनके समूह द्वारा आगे के अध्ययनों में पाया गया है कि डिज़ाइन किया गया पेप्टाइड SARS-CoV-2 के वेरिएंट आफ कंसर्न (VOC) के खिलाफ भी प्रभावी है, जो वायरस की संक्रामकता में महत्वपूर्ण है और वर्तमान और भविष्य में एक बड़ा खतरा है।
डॉ. बेग और उनके सहयोगियों ने एफडीए (FDA) द्वारा अनुमोदित दवाओं की भी जांच की और उन्हें COVID-19 के इलाज के लिए पुन: तैयार किया है। उन्होंने एक ‘जैंथिन डेरिवेटिव’ पर प्रयोग किए हैं जो SARS-CoV-2 के खिलाफ उच्च क्षमता दिखाता है। उन्होंने उल्लेख किया कि यह दवा न केवल SARS-CoV-2 बल्कि अन्य संबंधित कोरोना वाइरस के एंजाइम Mpro (जो वायरस प्रतिकृति की गतिविधियों को नियंत्रित करता है) को रोकती है।
डॉ. बेग और उनके समूह द्वारा किया गया यह महत्वपूर्ण कार्य अत्यधिक प्रशंसनीय है और हमें आशा देता है कि हम SARS-CoV-2 और अन्य कोरोनावायरस संक्रमण वाले रोगियों के लिए अधिक प्रभावी उपचार पा सकते हैं। हमें गर्व है कि डॉ बेग जैसे वैज्ञानिक दिन-रात COVID-19 के खतरे को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।