इंदौर। श्री शिव महापुराण कथा के मर्मज्ञ पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा है कि हम भगवान के मंदिर में अपने पाप धोने के लिए नहीं बल्कि भगवान को अपनी ओर रिझाने के लिए जाएं, तो हमारा जाना ज्यादा सार्थक होगा । आज आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दें । संस्कार की जरूरत केवल बेटियों को ही नहीं बल्कि बेटों को भी है । पं प्रदीप मिश्रा शिव भक्तों से खचाखच भरे दयालबाग के विशाल मैदान में श्री शिव महापुराण कथा का श्रवण करा रहे थे । उन्होंने कहा कि व्यक्ति जीवन भर जो कुछ कमाता है वह सब यही छोड़कर इस लोक से चला जाता है ।
जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो हम उसे अच्छे कपड़े पहनाते हैं, श्रृंगार करते हैं, घर में 13 दिन तक शोक मनाते हैं और फिर अपने कामों में लग जाते हैं । इस दुनिया में किसी का कोई नहीं है । अपने पूरे जीवन में हम नाटक करते हैं । यह स्थिति संसार के हर व्यक्ति के साथ होती है इसलिए आवश्यक है कि हम जीवित रहते हुए भगवान के नाम का स्मरण कर लेवें । यदि हमने माता पिता की सेवा नहीं की तो फिर पूजा करने से भी कोई फायदा नहीं है । हमें अपनी मनुष्य की देह को सार्थक करना होगा । बहुत सारे लोग आते हैं कहते हैं महाराज नौकरी से फुर्सत ही नहीं मिलती कैसे मंदिर जाएं ? तो मैं कहता हूं कि नौकरी तो आप अपने और अपने परिवार के लालन-पालन के लिए करते हैं । भगवान के मंदिर में एक बार रोज जाने की भी नौकरी कर लीजिए तो वह आपके खुद के लिए होगी । जब भक्त का विश्वास प्रबल होता है तो भगवान की कृपा होती है ।
पंडित मिश्रा ने कहा कि हम अक्सर देखते हैं कि बहुत से लोग वास्तु दोष, पित्र दोष दूर करने के लिए प्रयास करते रहते हैं । वे कहते हैं काम धंधा नहीं चल रहा है, घर में कलेश होता है, जीवन में बाधाएं आ रही हैं । ऐसे में आप इन दोषो को तो दूर कर सकते हैं लेकिन अपने कर्म के दोष को कैसे दूर करेंगे ? यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज के बच्चे किसी खिलौने से नहीं करते बल्कि मोबाइल से खेलते हैं । हमें बच्चों को संस्कार देना होंगे । संस्कार केवल बेटियों ही नहीं बल्कि बेटों को भी देना होंगे । माता-पिता को अपने बच्चों पर कंट्रोल रखना होगा ।
सारी सड़कें पट गई
इस कथा स्थल पर भगवान शिव के भक्तों की ऐसी भीड़ उमड़ रही है कि पहले दिन से ही कथा स्थल छोटा साबित हो रहा है और आसपास की सड़कों पर डेरा डालकर श्रद्धालु इस कथा का श्रवण कर रहे हैं । श्रद्धालुओं की भीड़ का यह आलम आज भी कायम रहा था । स्थल के आसपास की सारी सड़कें लोगों से पट गई । लोग बड़ी संख्या में ही सड़कों पर बैठकर कथा का श्रवण करते हुए नजर आए ।
सड़क पर भटकते नेत्रहीन बालक को विधायक शुक्ला ने व्यासपीठ पर ले जाकर आशीर्वाद दिलाया
विधायक संजय शुक्ला का आज एक बार फिर मानवीय चेहरा उभर कर सामने आया । दोपहर जब कथा शुरू होने वाली थी उस समय पर फूटी कोठी चौराहे के समीप रहने वाली रुकमणी अपने दो नेत्रहीन बच्चों के साथ कथा स्थल के पंडाल में जाने के लिए सड़क पर भटक रही थी । उसी समय पर विधायक शुक्ला की नजर इन बच्चों पर पड़ी । तत्काल विधायक इन बच्चों के पास पहुंचे और उनमें से छोटे बच्चे कालू उम्र 13 वर्ष जो कि नेत्रहीन है उसे अपनी गोद में उठाकर पांडाल में ले गए । उन्होंने इसके साथ ही इस बालक की माता और बड़े भाई को भी पांडाल में ले जाने की व्यवस्था की । इसके बाद जब कथा प्रारंभ हुई तो विधायक संजय शुक्ला अपनी गोद में कालू को लेकर व्यास पीठ पर पहुंचे और वहां पंडित प्रदीप मिश्रा से इस बालक को आशीर्वाद दिलवाया । पूरे पंडाल में मौजूद हजारों शिव भक्तों ने करतल ध्वनि के साथ विधायक के इस मानवीय प्रयास की सराहना की ।