देश दुनिया में स्मार्टफोन के लोग इस तरह दिवाने हो रहे है कि दिन-रात मोबाईल को अपने पास ही रख रहै। यहां तक की लोग अब टॉयलेट में भी फोन ले जा रहे है। कहा जाता है कि इंसान कि टॉयलेट में सोचने की क्षमता बड़ जाती है। लेकिन एक स्टडी के मुताबिक, 90 प्रतिशत लोग टॉयलेट (Toilet) या बाथरूम (Bathroom) में स्मार्टफोन (Smartphone) लेकर जाते हैं. स्मार्टफोन अब लोगों की अहम आवश्यकता बन गया है।
हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है, जिसमें पता चला है कि लोग सेक्स करने के तुरंत बाद, किसी शादी-पार्टी में, ट्रेवल करते टाइम, एंटरनेनमेंट के लिए सभी काम के लिए फोन का ही इस्तेमाल करते हैं।
अब लोगों को स्मार्टफोन की ऐसी लत पड़ गई है कि टॉयलेट में भी फोन उन्हीं के साथ ही रहता है. लोग जितना टाइम टॉयलेट में जाते हैं, उतने टाइम तक फोन चलाते रहते हैं. हो सकता है कि आपकी भी ऐसी ही आदत हो. लेकिन, क्या आप जानते हैं टॉयलेट में फोन का इस्तेमाल करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है और किस वजह से यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में जानते हैं इसके क्या साइड इफेक्ट हो सकते है।
एक सर्वे के मुताबिक 90 में से 53 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कि टॉयलेट में तब तक फोन का उपयोग करते हैं, जब तक कि उनके पैर सुन्न नहीं हो जाते. यानी जब आप टॉयलेट में फोन लेकर जाते हैं तो काफी ज्यागा टाइम स्पेंड करते हैं. इस वजह से आप Rectum यानी मलाश पर अनावश्यक जोर पड़ता है और ये ही बाद में पाइल्स आदि का कारण बनते हैं. इसलिए टॉयलेट में जाएं जब फोन लेकर ना जाएं।
– इन सभी के अलावा टॉयलेट में फोन ना ले जाना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है. दरअसल, वैसे तो आप हमेशा फोन में बिजी रहते हैं, लेकिन टॉयलेट में फोन ना ले जाकर आपके दिमाग को आराम मिलता है. इससे आपके शरीर का मेंटल स्ट्रेस कम होता है और आप टॉयलेट में काफी कुछ सोच पाते हैं. टेक्नोलॉजी से ब्रैक लेने का टॉयलेट एक अच्छा स्थान है तो कोशिश करनी चाहिए कि टॉयलेट में फोन का इस्तेमाल ना करें।
फोन को टॉयलेट में लेकर जाने से आप ज्यादा देर तक टॉयलेट में बैठते हैं, जिससे रेक्टम पर प्रेशर पड़ता है. इससे Piles (haemorrhoids) का खतरा हो सकता है. अगर आपको पहले से पेट से जुड़ी समस्याएं हैं तो रेक्टम पर ज्यादा प्रेशर डालने से ये बढ़ सकती हैं।
कई लोग फोन को बाथरूम में इसलिए लेकर जाते हैं क्योंकि, अपने काम को एक मिनट के लिए भी मिस नहीं करना चाहते, लेकिन इसका खराब असर भी पड़ता है और आपको अपने लिए बिल्कुल ब्रेक नहीं मिलता. टॉयलेट या बाथरूम में भी आप फोन पर लगे होते हैं।
अगर आप सुबह सुबह बाथरूम में फोन लेकर जाते हैं तो आप आम तौर पर जितना समय बिताते हैं, उससे ज्यादा समय बाथरूम में बिताएंगे. इससे आपका समय भी बर्बाद होगा और सेहत को भी नुकसान पहुंचेगा।
अगर आप टॉयलेट जाते वक्त भी अपना फोन नहीं छोड़ पाते तो इसका मतलब है कि आप हद से ज्यादा वक्त फोन पर बिताते हैं और इसलिए कोई भी नोटिफिकेशन या अपडेट मिस नहीं करना चाहते. ये फोन एडिक्शन के लक्षण हैं।
टॉयलेट में फोन लेकर जाने का एक खतरा ये भी है कि हो सकता है, आप बात करने या चैटिंग में लगे हों और गलती से आपका फोन टॉयलेट में गिर जाए. इन सभी के अलावा टॉयलेट में फोन ना ले जाना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।
दरअसल, वैसे तो आप हमेशा फोन में बिजी रहते हैं, लेकिन टॉयलेट में फोन ना ले जाकर आपके दिमाग को आराम मिलता है. इससे आपके शरीर का मेंटल स्ट्रेस कम होता है और आप टॉयलेट में काफी कुछ सोच पाते हैं. टेक्नोलॉजी से ब्रैक लेने का टॉयलेट एक अच्छा स्थान है तो कोशिश करनी चाहिए कि टॉयलेट में फोन का इस्तेमाल ना करें।
बैक्टीरिया के अलावा टॉयलेट में फोन चलाना शरीर में कई दिक्कतों का कारण बनता है. एक सर्वे में सामने आया है कि अमेरिका में 90 प्रतिशत लोग टॉयलेट में भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. सर्वे के मुताबिक 90 में से 53 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कि टॉयलेट में तब तक फोन का उपयोग करते हैं, जब तक कि उनके पैर सुन्न नहीं हो जाते. यानी जब आप टॉयलेट में फोन लेकर जाते हैं तो काफी ज्यागा टाइम स्पेंड करते हैं. इस वजह से आप Rectum यानी मलाश पर अनावश्यक जोर पड़ता है और ये ही बाद में पाइल्स आदि का कारण बनते हैं. इसलिए टॉयलेट में जाएं जब फोन लेकर ना जाएं।