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अस्पताल की आया नवजात को चोरी कर बेचती थी, ऐसे हुआ खुलासा

इंदौर। इंदौर में 9 साल पहले एक क्लीनिक से नवजात बच्चों के गायब होने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। कार्रवाई करते हुए इंदौर एसटीएफ ने 7 आरोपियों को धरदबोचा है। इस आरोपियों से दो बच्चों को भी बरामद किया है।

यश मैटरनिटी क्लीनिक से हुए थे बच्चे गायब

इंदौर एसटीएफ को नवजात बच्चों के यश मैटरनिटी क्लीनिक से गायब होने की सूचना मिली थी, जिसमें बताया गया कि क्लिनिक में बच्चे के जन्म के बाद उसकी मां से अलग कर अस्पताल स्टाफ द्वारा अन्य निः संतान दम्पत्तियों को दे दिया जाता है। पुलिस की जांच के दौरान लीलाबाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई पूरे मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने मामले में अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

बच्चों की असली मां की हो रही है तलाश

फिलहाल पुलिस आरोपियों से बरामद दोनों बच्चों की मां की तलाश कर रही है। एसटीएफ एसपी मनीष खत्री के मुताबिक, चाइल्ड लाइन से सूचना मिली थी कि देवास के एक दंपती के पास अवैध तरीके से लिया गया बच्चा है। इस संबंध में देवास के शिरीष इंदुलकर और उनकी पत्नी सुधा से पूछताछ की गई तो मामले का खुलासा हो गया।

शिरीष ने बच्चे को अपना बताते हुए देवास का जन्म प्रमाण पत्र दिखाया, लेकिन पुलसि की सख्ती के आगे वह टूट गए और कहा कि पड़ोसी पुष्पाबाई और उसके पति प्रभुदयाल ने बच्चा सौंपा था। पुष्पा और प्रभु ने पुलिस को बताया कि इंदौर के स्कीम नंबर 51 स्थित यश मैटरनिटी क्लिनिक में उनकी रिश्तेदार लीलाबाई आया थी। उसने 30 अक्टूबर 2011 बच्चे को चुराकर उसको सौंपा था। टीम ने लीलाबाई से पूछताछ की तो उसने एक और बच्चे को उसकी मां से अलग कर 2008 में रतलाम के दंपती अजय-स्वर्णलता को बेचने का खुलासा किया है।

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