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ब्रज में होली का उल्लास, मथुरा-वृंदावन में बांकेबिहारी के साथ भक्तों ने खेली होली

वृंदावन (मथुरा)। रंगभरनी एकादशी पर वृंदावन में होली का उल्लास उमड़ पड़ा। देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे हैं। सोमवार तड़के से ही ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर के बाहर भक्तों की भारी भीड़ जुट गई। पट खुलते ही पूरा मंदिर परिसर ठाकुरजी के जयकारों से गुंजायमान हो गया। बरसाना और नंदगांव की प्रसिद्ध लठामार होली के बाद रंगभरनी एकादशी पर जन जन के आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी महाराज ने भक्तों संग होली खेली। रंगीली होली पर ठाकुरजी ने जब भक्तों संग होली खेली तो लगा कि संपूर्ण ब्रह्मांड इस दिव्य दर्शन के लिए ठहर गया। प्रेमावेश से लवरेज जनसमुद्र मंदिर परिसर में हिलोरे मार रहा था। रंग और गुलाल के उड़ते गुबार, फूलों से हुई होली के रंग में मंदिर परिसर सराबोर हो गया। हजारों भक्त अपने आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी को नयनों में भरने की अभिलाषा लिए मंदिर में पहुंचे और दर्शन पाकर कृतार्थ हुए।

बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों की भीड़

सोमवार की सुबह तय समय से लगभग आधे घंटे पूर्व पट खुलते ही बांकेबिहारी मंदिर के बाहर अपने आराध्य के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहा जन समुद्र मंदिर परिसर में जयकारे लगाते हुए प्रवेश कर गया। रंगभरनी एकादशी पर मंदिर के सेवायतों ने सबसे पहले रजत सिंहासन पर श्वेत पोशाक धारण कर विराजमान ठाकुर बांकेबिहारीजी पर स्वर्ण पिचकारी से केसर निर्मित रंग डालकर वृंदावन में परंपरागत होली का शुभारंभ किया।

बांकेबिहारी मंदिर परिसर में अबीर-गुलाल, रंगों की बौछार और फूलों की होली से सतरंगी छटा छा गई। सेवायत टेसू के फूलों, केसर के रंगों से निर्मित प्राकृतिक रंगों को पिचकारियों में भरकर श्रद्धालुओं पर वर्षा कर रहे थे। रंग और गुलाल में सराबोर हुए भक्तों को खुशी का ठिकाना ना रहा।

बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों की भीड़

बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत गोस्वामी मंदिर में गोपी के गाल गुलाबिन पै, मल लाल गुलाल लगावत लाला और बहुत दिनन सों तुम मनमोहन, फागहि फाग पुकारे। आज देखियों सैल फाग की, पिचकारिन के फुहारे आदि होली के गीतों को गाकर ठाकुरजी को रिझाया। होली के रंगों से सराबोर भक्त अपने आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी की गगनभेदी जयकारे लगाकर अपने प्रेम को बयां कर रहे थे।

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