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लगातार इस्तीफों से हाईकमान की बढ़ी चिंता, भाजपा डेमेज कंट्रोल में जुटी

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले दो चरण के लिए भाजपा उम्मीदवारों की सूची लगभग तय कर चुकी है। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि कम से कम 60 वर्तमान विधायकों के टिकट कटने तय हैं। यह खबर आने से पहले ही योगी कैबिनेट में शामिल स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार (11 जनवरी) अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, 12 जनवरी यानी बुधवार को दूसरे कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी अपना इस्तीफा भेज दिया। यूपी में धड़ाधड़ मंत्री और विधायकों के इस्तीफे ने हाईकमान की चिंता बढ़ा दी है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व तेजी से राज्य में डेमेज कंट्रोल करने में जुट गया हैं। अटकलें हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह दारा सिंह चौहान भी समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो सकते हैं। स्वामी प्रसाद ने 14 जनवरी को बड़ा खुलासा करने का एलान किया है तो दारा सिंह चौहान पर भी 14 जनवरी को ही बड़ी बात सामने आने की चर्चा है। अब सवाल यह उठता है कि 14 जनवरी को होने वाली मकर संक्रांति भाजपा के लिए कितनी भारी साबित होने वाली है?

संक्रांति के दिन होगी सियासत

बात धर्म की हो विज्ञान की, संक्रांति का महत्व दोनों ही विधाओं में काफी ज्यादा है। दरअसल, सूर्य की उत्तरायण स्थिति को मानव प्रगति और अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होने का प्रतीक माना जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में मकर संक्रांति का दिन काफी बड़ा होने वाला है और इसका महत्व धार्मिक या वैज्ञानिक नहीं, सिर्फ राजनीतिक होगा। उत्तर प्रदेश के चुनावी रण को देखते हुए खेमाबंदी और दलबदल शुरू हो चुका है। भाजपा के दो कैबिनेट मंत्री समेत कई विधायक इस्तीफा दे चुके हैं तो सपा-कांग्रेस के कुछ नेता भी भाजपा का दामन थाम चुके हैं।

14 को प्रत्याशियों की सूची होगी जारी

योगी सरकार की कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य 14 जनवरी को बड़ा धमाका करने का एलान कर चुके हैं। चर्चा है कि 12 जनवरी को योगी कैबिनेट से त्यागपत्र देने वाले दारा सिंह चौहान भी 14 जनवरी को सपा के साथ जा सकते हैं। कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची इसी दिन जारी करेगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा के प्रत्याशियों की लिस्ट भी इसी दिन आ सकती है।

भाजपा के लिए कैसे भारी होगी संक्रांति?

अटकलों के हिसाब से अगर दारा सिंह चौहान और स्वामी प्रसाद मौर्य सपा के साथ चले जाते हैं तो भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में नुकसान होना तय है। दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य गैर यादव पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। प्रदेश की राजनीति में इस जाति का असर करीब 100 विधानसभा सीटों पर माना जाता है। वहीं, ओबीसी का चेहरा माने जाने वाले दारा सिंह चौहान के जाने से उनके समर्थक भी भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं। उधर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी दावा कर चुके हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा 13 और विधायक भाजपा से इस्तीफा देंगे, जिसे विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए संकट के तौर पर देखा जा रहा है।

भदोही विधायक के इस्तीफे की खबर झूठी

भदोही जिले के भाजपा विधायक रविंद्र नाथ त्रिपाठी के इस्तीफे का पत्र मंगलवार की देर रात सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिससे राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई। पत्र वायरल होने की जानकारी पाकर बुधवार को विधायक ने इसका खंडन किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए उनके खून का एक-एक कतरा समर्पित है। उनके लैटरपैड का दुरूपयोग किया गया है। उन्होंने जांच के लिए थाने मेें शिकायत की है। सूबे के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सहित आधा दर्जन विधायकों के इस्तीफा देने से मंगलवार को पूरे दिन प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी रही और देर रात रविंद्रनाथ त्रिपाठी के लेटरपैड से इस्तीफे का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिससे जिले की राजनीतिक गलियारें में सरगर्मी बढ़ गई। मामला तूल पकड़ने लगा तो विधायक ने पटेल नगर स्थित दिव्या लॉन में पत्रकारों से रूबरू होकर वायरल पत्र का खंडन किया। उन्होंने ने कहा कि किसी ने उनके लेटरपैउ का गलत इस्तेमाल किया। कहा कि वह भाजपा के आम कार्यकर्ता हैं। 1992 से दरी बिछाने का काम करते हैं और आगे भी करते रहेंगे।

स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

यूपी सरकार के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें 24 जनवरी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा में रहते हुए देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिस पर सुल्तानपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने आदेश जारी किया है। 24 जनवरी को मामले में सुनवाई होगी। यह आदेश 2016 में हाईकोर्ट द्वारा जारी किया गया था तब उन्होंने इस पर स्टे आॅर्डर ले लिया था। स्वामी प्रसाद प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री थे। जहां से उन्होंने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया और 14 जनवरी को वह सपा में शामिल होंगे।

अभी तो सिर्फ शुरुआत है : संजय रावत

शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को यूपी सरकार में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और भाजपा के कुछ और विधायकों के इस्तीफे को लेकर बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि यह तो सिर्फ शुरूआत है और उत्तर प्रदेश में राजनीतिक बदलाव अब तय है। गोवा में 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 14 फरवरी को चुनाव होने वाला है। इसी को लेकर पत्रकारों से बातचीत के दौरान राउत ने कहा कि राज्य के मतदाताओं को किसी लालच में नहीं आना चाहिए और इस तटीय प्रदेश में भाजपा के ऐसे किसी कदम का जवाब सिर्फ शिवसेना ही दे सकती है। उन्होंने कहा, हमारी लड़ाई भाजपा के पैसे की ताकत से है। शिवसेना आम आदमी की पार्टी है। हम लोगों को बताना चाहते हैं कि उन्हें किसी प्रलोभन में नहीं आना चाहिए।

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