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स्वास्थ्य मंत्री मंडावदिया ने कहा, ‘पूरी दुनिया की तुलना में भारत में कोरोना से हुई कम मौते’

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को लोकसभा में कोविड-19 महामारी से जुड़े सदन के सवालों का जवाब दिया। प्रश्नकाल के दौरान मांडविया ने बताया कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के 3.46 करोड़ मामले सामने आए हैं, और इस महामारी की वजह से 4.6 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जो कि कुल मामलों का 1.36% है। उन्होंने सदन को बताया कि भारत में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 25,000 कोविड मामले और 340 मौतें दर्ज की गईं हैं। ये दुनिया की तुलना में सबसे कम मौतों का आंकड़ों में एक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस संक्रमण को लेकर पहले से सतर्क थी, और हमने इसका प्रसार रोकने के सभी संभव प्रयास किये।

ऑक्सीजन की कमी पर राजनीति?

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने विपक्षी सांसदों से ऑक्सीजन की कमी को लेकर राजनीति नहीं करने का आग्रह किया और इसके उत्पादन के लिए केंद्र की ओर से किये गए प्रयासों को गिनाया। उन्होंने लोकसभा में कहा कि हमने 21 अगस्त को सभी राज्यों से पूछा था कि कोविड-19 संकट के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कितनी मौतें हुईं ? सिर्फ 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी रिपोर्ट भेजी है। केवल पंजाब ने लिखित में माना है कि 4 सस्पेक्टेड डेथ हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे दुख से बताना पड़ रहा है कि ऑक्सीजन संकट पर राजनीति हुई। कुछ राज्यों ने डिमांड ज्यादा दिखाया और कोर्ट से आर्डर ले आए। जबकि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए और महामारी की दूसरी लहर के दौरान मांग तेजी से बढ़ने पर उत्पादन बढ़ाया।

मांडविया के मुताबिक केंद्र ने तीन बार राज्यों को पत्र लिखकर उनसे आॅक्सीजन की कमी की वजह से मारे गये लोगों की संख्या बताने को कहा था। लेकिन किसी भी राज्य सरकार ने इसके आंकड़े नहीं दिए। स्वास्थ्य मंत्री नेजोर देकर कहा कि मोदी सरकार ने कोरोना संक्रमण पर काबू पाने और इससे होनेवाली मौतों को रोकने के लिए सही समय पर, सभी संभव कदम उठाये।

चार राज्यों में विदेश से आए 30 यात्री संक्रमित

दुनिया के कई मुल्कों में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिेएंट से संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। ओमिक्रॉन ने भारत में भी चिंता बढ़ा दी है। इस बीच उच्च खतरे वाले देशों से आए करीब 30 यात्री कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं। कुल चार राज्यों में यह 30 यात्री कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं। इन यात्रियों के स्वैब के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त लैबों में आगे की जांच के लिए भेज गए हैं। इस जांच से पता चलेगा कि इनमें से कोई यात्री कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित है अथवा नहीं? अधिकारियों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर यात्री अधिक खतरे वाले अफ्रिकन देशों की यात्रा से लौटे हैं। इनमें से राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के 9 यात्री हैं। इसके अलावा तमिलनाडु के 2 यात्री और गुजरात के 1 यात्री शामिल हैं। इन राज्यों के अधिकारियों के मुताबिक इनमें से ज्यादा असिम्टोमैटिक हैं और इनमें कोविड के बहुत कम लक्षण मिले हैं। इन सभी यात्रियों के कॉन्टैक्ट ट्रैकिंग का काम शुरू हो चुका हैं।

बेंगलुरू में मिला पहला केस

ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला केस गुरुवार को कर्नाटक के बेंगलुरू शहर में मिला है। इनमें से एक यात्री ने 27 नवंबर को साउथ अफ्रीका से दुबई की यात्रा की थी और उसने स्थानीय अथॉरिटी को इस संबंध में जानकारी भी नहीं दी थी। इस वैरिएंट से संक्रमित दूसरे शख्स एक चिकित्सक हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इनके कॉन्टैक्ट ट्रैकिंग पर काम किया जा रहा है।

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