Mradhubhashi
Search
Close this search box.

उज्जैन में वैकुंठ चतुर्दशी पर होगा गोपाल मंदिर में हरि-हर मिलन

उज्जैन। उज्जैन में वैकुंठ चतुर्दशी पर गोपाल मंदिर में हरि-हर मिलन होगा। भगवान महाकाल चातुर्मास के बाद गोपालजी को पुनः सृष्टि का भार सौंपेंगे। धर्मपरंपरा के निर्वहन के लिए महाकाल मंदिर से रात 11 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर गोपाल मंदिर जाएंगे। हरि-हर मिलन के अनुपम दृश्य को देखने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ेगा।

धार्मिक मान्यता के अनुशार आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी पर हरि भगवान विष्णु हर बाबा महाकाल को सृष्टि का भार सौंपकर राजा बलि का आत्थिय स्वीकारते हुए पाताल लोक चले जाते हैं। चार माह तक सृष्टि का संचालन शिव ही करते हैं। देव प्रबोधिनी एकादशी पर चातुर्मास का समापन होता है और भगवान विष्णु पुनः गोलोक पधारते हैं। इसके चार दिन बाद वैकुंठ चतुर्दशी पर शिव भगवान विष्णु को पुनः सृष्टि का भार सौंप देते हैं।

धर्म कथा का यह दृश्य प्रति वर्ष वैकुंठ चतुर्दशी पर उज्जैन में साकार होता है। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से रात 11 बजे शाही ठाठ-बाट के साथ भगवान महाकाल की सवारी निकलती है। रात 12 बजे गोपाल मंदिर में हरि हर मिलन कराया जाता है। भगवान महाकाल की ओर से गोपालजी को बेल पत्र की माला अर्पित की जाती है, वहीं गोपालजी की ओर से भगवान महाकाल को तुलसी पत्र की माला पहनाई जाती है। भगवान महाकाल की ओर से गोपालजी को वस्त्र, फल, मिष्ठान्न, सूखे मेवे आदि भेंट स्वरूप प्रदान किए जाते हैं।

गोपाल मंदिर के पुजारी भी भगवान महाकाल को सोला, दुपट्टा, मिष्ठान, फल आदि भेंट करते हैं। पूजन के पश्चात रात दो बजे गोपाल मंदिर से अवंतिकानाथ की सवारी पुनरू महाकाल मंदिर पहुंचती हैं।

मृदुभाषी के लिए उज्जैन से अमृत बैंडवाल की रिपोर्ट

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट