चंद घंटों के राज्यपाल, सभी आला अधिकारी देते हैं सम्मान! - Mradubhashi - MP News, MP News in Hindi, Top News, Latest News, Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest News in Hindi
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चंद घंटों के राज्यपाल, सभी आला अधिकारी देते हैं सम्मान!

वैसे तो राज्यपाल के रहते इस पद का कोई विकल्प नहीं होता पर ऐसे मौके आते है जब राज्यपाल के रहते हुए पूरा प्रशासनिक अमला किसी खास व्यक्ति को राज्यपाल मानते हुए पूरे प्रोटोकॉल के साथ उस व्यक्ति को राज्यपाल की तरह ही ट्रीटमेंट देता है और ये व्यक्ति भी हर साल पांच घंटे के लिए मुख्यमंत्री और राज्यपाल बनता है. यही नहीं प्रदेश के डीजीपी से लेकर सभी अधिकारी इस व्यक्ति के सामने सैल्यूट मारते हुए नजर आते है.

गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदेश के राज्य स्तरीय समारोह में परेड की सलामी लेते मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर जी हां आप चैंक गए होंगे की मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर तो रामेश्वर शर्मा जी हैं फिर ये कौन शख्स है जो परेड की सलामी ले रहा है ..और जिसे पुलिस के छोटे से लेकर बड़े अधिकारी सब सैल्यूट कर रहे है ….कही मध्य प्रदेश के राज्यपाल रातो रात तो नहीं बदल गए….जी नहीं ऐसा बिलकुल भी नहीं हुआ है।

दरअसल पुलिस के अधिकारियो की सलामी ले रहा है ये व्यक्ति मध्य प्रदेश के प्रोटेम स्पीकर के किरदार में भोपाल पुलिस का ही जवान रामचन्द्र कुशवाह है। रामचन्द्र भले ही किरदार में हो पर परेड से लेकर अधिकारी तक सब कुछ असली है….रामचन्द्र पिछले 16 सालों से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्रता दिवस पर से हर साल राज्यपाल और मुख्यमंत्री जी का डमी किरदार निभा रहे है…. उनके सामने अब तक न जाने कितने डीजीपी बदल गए है पर रामचन्द्र इस किरदार को इसी तरह तरह निभाते आ रहे है… उन्हें महज एक सिपाही होने बाद भी प्रदेश पुलिस मुखिया से लेकर एसपी सब सलाम करते है… यही नहीं राज्यपाल के भाषण के दौरान रामचन्द्र डायस पर जाकर राज्यपाल की तरह जन समूह को निहारते है….हालांकि भाषण रिकॉर्डेड होता है महज पांच घंटे के लिए ही सही पर उन्हें असली राज्यपाल का ही ट्रीटमेंट मिलता है। पहली बार वह प्रोटेम स्पीकर का किरदार निभा रहे हैं।

पुलिस का जवान 16 सालों से निभा रहा राज्यपाल का किरदार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय समारोह निभाते हैं किरदार प्रदेश पुलिस मुखिया से लेकर आला अफसर सब करते हैं सैल्यूट रामचन्द्र को इन पांच घंटो के लिए राज्यपाल के काफिले की कारे गवर्नर के सुरक्षा गार्ड तक मुहैया कराये जाते है…. अपने बड़े अफसरों के बीच अपने आपको राज्यपाल की तरह पेश आना रामचन्द्र के लिए भले ही एक्टिंग न होकर ड्यूटी हो पर इस तरह की ड्यूटी पर बने रहकर एक्टिंग करना ..रामचन्द्र की प्रतिभा और इनके अंन्दर छुपे कलाकार को साफ दर्शाता है ….गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में जहां उस दिन लोग सफल आयोजन को देखकर गौरवान्वित महसूस करते हे उस गौरव के पीछे कंही न कंही रामचन्द्र जैसे छोटे कमर्चारियों की ही मेहनत है।