नई दिल्ली: इस समय नई दिल्ली के इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति को लेकर तमाम तरह की बातें सोशल मीडिया और मीडिया में चल रही है। इस बारे में सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्वाला में विलीन किया जा रहा है।
50 सालों से जल रही है अमर जवान ज्योति
देश के शहीदों के पराक्रम और शौर्य के प्रतीक इंडिया गेट पर पिछले 50 सालों से शहीदों को श्रद्धांजली देने और उनकी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए अमर जवान ज्योति जलाई जा रही है। इस मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। केंद्र सरकार ने तमाम अफवाहों और चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कहा है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है। इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्वाला में विलीन किया जा रहा है।
सरकार ने कही यह बात
इस मामले में सरकार का कहना है कि यह बात काफी अजीब है कि अमर जवान ज्योति की लौ के माध्यम से अमर जवान ज्योति और अन्य युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है, लेकिन उनका कोई नाम वहां मौजूद नहीं है। सरकार ने यह भी कहा है कि इंडिया गेट पर उन शहीदों के नाम अंकित है, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी थी और इस प्रकार यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है।
1971 के शहीदों को है समर्पित
केंद्र सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर 1971 और उसके पहले और बाद की जंग में शहीद हुए सभी भारतीय शहीदों के नाम अंकित हैं। इसलिए वहां शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना एक सच्ची श्रद्धांजलि है। सरकार ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विडम्बना यह है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हमारे शहीदों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे हैं।