Mradhubhashi
Search
Close this search box.

एमएसपी पर सरकार बातचीत के लिए राजी, संयुक्त किसान मोर्चा को दिया प्रस्ताव

नई दिल्ली । तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद सरकार एमएसपी और अन्य मुद्दों को पर बातचीत के लिए तैयार हो गई है। केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को बातचीत का प्रस्ताव दिया है। साथ ही किसान संगठनों से पांच नेताओं के नाम मांगे हैं, जो बातचीत के दौरान सरकार के साथ बैठक करेंगे। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एमएसपी और मुद्दों पर पैनल के लिए सरकार ने किसान संघों से पांच नाम मांगे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा चार दिसंबर को होने वाली बैठक में नाम तय करेगा।

टीकरी बार्डर पर आंदोलन के खत्म होने को लेकर चर्चाएं

वहीं, आंदोलनकारी किसानों के टीकरी बार्डर पड़ाव में मंगलवार को हर तरफ आंदोलन के खत्म होने को लेकर चर्चाएं चलती रहीं। हर तरफ लोग गुफ्तगू करते नजर आए कि आंदोलन जल्द खत्म हो सकता है। लेकिन बार्डर पर हुई सभा में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के मंच से हर किसान नेता ने कहा कि संगठन का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला करेगा, उसका पालन किया जाएगा। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बार्डर पर सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए हैं। इस दौरान मंगलवार को पंजाब किसान यूनियन की प्रधान जसबीर कौर नट ने कहा कि किसानों ने सरकार पर दबाव बनाया है, जिस कारण प्रधानमंत्री को कानून वापस लेने पड़े। हम सभी मांगें मनवाकर यहां से लौटेंगे। बीकेयू पंजाब के लखविंद्र सिंह पीर मोहम्मद ने कहा कि अभी तक हमारा कोई भी फैसला यहां रहने का या जाने का नहीं हुआ है। संयुक्त किसान मोर्चा जो भी फैसला लेगा।

एसकेएम की कॉल का होगा पालन: किसान नेता

टीकरी बॉर्डर पर किसानों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा। तय समयानुसार यहां किसान सभा हुई और अनेक किसानों व नारी शक्ति ने यहां पहुंचकर धरनारत किसानों को समर्थन दिया। सभा को संबोधित करते हुए कई वक्ताओं व किसान नेताओं ने कहा कि किसानों संघर्ष व एकजुटता के चलते उक्त कृषि कानून वापस लिए गए है लेकिन जब तक किसानों की अन्य मांगें पूरी नहीं होती और संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आंदोलन को लेकर कोई निर्णय नहीं आता तब तक उनका धरना लगातार जारी रहेगा।

बॉर्डर पर पहुंचकर दिया किसानों को समर्थन दिया

अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन के सचिव जयकरण दलाल के अलावा अनेक किसान नेताओं ने बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया। जयकरण ने कहा कि आंदोलन के दौरान 700 किसानों ने जान गवाई है। उन्होंने अपनी शहीदी देकर आंदोलन को आज तक जीवित रखा। उन्होंने कहा कि दलाल खाप ने भी आंदोलन का शुरू से ही समर्थन किया है। हुड्डा खाप के प्रतिनिधि रमेश हुड्डा ने कहा कि किसानों के एकजुट रहने के कारण यह जीत हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने तीन कानून वापस ले लिए हैं। लेकिन जब तक एमएसपी की गारंटी नहीं मिल जाती हम यहां से नहीं उठेंगे।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट