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अलविदा-2021 : इस साल इंदौर में हर दिन दर्ज हुए करीब 83 अपराध

इंदौर। साल 2021 बीतने को हैं। यह साल अपने साथ बहुत कुछ यादें लेकर जा रहा हैं। शहर में यदि अपराधों के रिकॉर्ड पर नजर दौड़ाई जाए तो इस साल शहर में हर दिन लगभग 83 अपराध हुए हैं। ये आंकड़ा जनवरी से अभी तक का हैं। इतना ही नहीं, अपराधों में सबसे अव्वल बाणगंगा थाना रहा, जबकि सबसे कम अपराध सराफा थाने में दर्ज हुए और खास बात यह है कि सबसे कम अपराध क्राइम ब्रांच थाने में दर्ज हुए। इसका कारण है कि क्राइम ब्रांच अधिकांशत: जिस इलाके से अपराधियों को पकड़ती है, वह उस क्षेत्र के थाने को केस सौंप दिए जाते हैं। क्राइम ब्रांच थाने में कुछ विशेष मामले ही दर्ज किए जाते हैं।

सालभर में शहरी इलाके के थानों में 29,694 केस दर्ज हुए। वहीं ग्रामीण इलाकों में अपराधों में सबसे अव्वल किशनगंज थाना रहा। ग्रामीण इलाके में प्रतिदिन करीब 17 केस दर्ज किए गए। किशनगंज थाने में 915 केस दर्ज हो चुके हैं। ग्रामीण इलाके में बेटमा और सांवेर में हुई सशस्त्र डकैती का भी अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ। बीते वर्ष अवैध संबंधों को लेकर हत्या के भी एक दर्जन से ज्यादा अपराध सामने आए। इसमें आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी

कोरोना काल के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की काला बाजारी करने में बदमाश पीछे नहीं रहे। कई बदमाशों ने तो नकली इंजेक्शन ही बेच दिए। पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले करीब दो दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार कर उन पर कार्रवाई की। अवैध हथियार के सौदागरों की गिरफ्तारी के साथ ही गांजे की तस्करी करने वालों को भी सलाखों के पीछे किया गया।

बांग्लादेशी बालाओं को उनके देश पहुंचाया

पुलिस ने इस साल 50 से ज्यादा बांग्लादेशी बालाओं को उनके देश पहुंचाया हैं। जिस्म फरोशी के इस कारोबार का खुलासा तब हुआ, जब विजयनगर पुलिस ने सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया। इसमें सागर जैन और उसके भाई धर्मेंंद्र जैन के बारे में पता चला कि वे बांग्लादेश से बालाओं को लाकर उनसे जिस्म फरोशी करवाते हैं। इन भाइयों के बाद इनवेस्टीगेशन में कई दलालों के तार जुड़े मिले। सेक्स रैकेट के सरगना मोमिनुल उर्फ विजय दत्त एवं उसके खास साथी बबलू सरकार इस मामले में मास्टर माइंड निकले। इन आरोपियों ने अपनी गर्ल फ्रेंड और पत्नी के सहयोग से हजारों बांग्ला बालाओं को भारत लाकर दलालों को बेचा। पुलिस के पास कुछ फरार आरोपियों के नाम भी हैं, उनकी भी तलाश जारी है। सेक्स रैकेट की छानबीन के दौरान ये भी खुलासा हुआ था कि बार्डर पार करवाने में कई जवानों की भी मिली भगत है। नेशनल एजेंसी को जांच रिपोर्ट भेजकर उन्हें भी बेनकाब करने की कोशिश की जा रही है।

विधायक पुत्र पर रेप का केस

इस साल बडनगर के कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल पर महिला थाने में रेप का केस भी बेहद चर्चित रहा। कांग्रेस दफ्तर में ही काम करने वाली एक युवती की शिकायत पर प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही करण फरार हो गया। उसकी गिरफ्तारी पर इनाम भी घोषित किया गया। लंबे समय बाद महिला थाना और क्राइम ब्रांच की टीम ने इसे गिरफ्तार किया था।

शराब माफियाओं पर हुई कार्रवाई

सत्यसांई चौराहा स्थित सिंडिकेट ऑफिस के सामने कुछ अपराधियों ने शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर को खुले आम गोली मारी थी। अर्जुन की एबी रोड स्थित रघुनाथ पेट्रोल पंप के सामने शराब की दुकान है। इस दुकान को पहले अर्जुन के पिता चलाते थे, उनके निधन के बाद से अर्जुन इस दुकान को चला रहा है। इस दुकान को लेकर कई महीनों से शराब सिंडिकेट से संबंधित लोगों से विवाद चल रहा है। पुलिस ने इस मामले में गैंगस्टर सतीश भाऊ, हेमू ठाकुर, चिंटू ठाकुर सहित अन्य की भूमिका की जांच पड़ताल भी की।

अवैध संबंधों को लेकर हत्या

भोलाराम उस्ताद मार्ग और तेजाजी नगर में हुई डकैती की वारदातें भी इस साल सुर्खियों में रही। हालांकि इन दोनों वारदातों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। रेप, छेड़छाड़, मोबाइल लूट की भी दर्जनों वारदातें दर्ज की गईं।

यह हैं ग्रामीण इलाके

ग्रामीण इलाकों में दर्ज हुए केस में महू में 504, किशनगंज में 915, बेटमा में 789, मानपुर में 486, शिप्रा में 519, सिमरोल में 466, खुडैल में 697, देपालपुर में 438, हातोद में 314 और गौतमपुरा में 232 केस दर्ज हुए।

एक नजर में

  • सबसे कम अपराध क्राइम ब्रांच थाने में 30 दर्ज हुए।
  • बाणगंगा थाना क्षेत्र में 1790 केस दर्ज हुए।
  • सराफा थाने में 137 केस दर्ज हुए।
  • महिला थाने में 252 केस दर्ज हुए
  • सालभर में शहरी इलाके के थानों में 29,694 केस दर्ज हुए

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