Godhara Kand: गुजरात को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलसाने वाले गोधरा कांड को आज 19 साल हो गए हैं। गोधरा में उपद्रवियों के द्वारा ट्रेन को आग के हवाले किया गया था, जिसमें 59 लोगों की मौत हुई थी। उसके बाद भड़की हिंसा में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। आइए जानते हैं उस वक्त के घटनाक्रम को।
साजिश रच जलाई थी ट्रेन
आज से 19 साल पहले 27 फरवरी 2002 को सब कुछ सामान्य दिनों की तरह चल रहा था, लेकिन स्टेशन के आसपास बुने जा चुके साजिश के तारों की भनक किसी को नही थी। जैसे ही साबरमती एक्सप्रेस गोधरा स्टेशन पहुंची और उसके बाद रवाना होने लगी, किसी अज्ञात शख्स ने चेन खींचकर गाड़ी को रोक लिया और फिर पथराव के बाद ट्रेन के एक डिब्बे को आग के हवाले कर दिया गया। S-6 कोच में हुए इस अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी। ये सभी हिंदू तीर्थयात्री थे, जो अयोध्या से वापस लौट रहे थे।
साबरमती एक्सप्रेस में लगाई थी आग
दरअसल उस वक्त अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद ने पूर्णाहुति महायज्ञ का आयोजन किया था। इस यज्ञ में भाग लेने के लिए अयोध्या से बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहां पर गए थे। 25 फरवरी 2002 को अहमदाबाद जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन से करीब 1700 तीर्थयात्री और कारसेवक अपने घरों के लिए रवाना हुए थे। ट्रेन 27 फरवरी की सुबह 7 बजकर 43 मिनट पर गोधरा स्टेशन पहुंच गई थी। जैसे ही ट्रेन स्टेशन से रवाना होने लगी, चेन पुलिंग की वजह से सिग्नल के पास ट्रेन रुक गई। और फिर बड़ी संख्या में भीड़ ने इकट्ठा होकर ट्रे्न की बोगी एस-6 को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद गुजरात में भड़के दंगों में एक हजार से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवाना पड़ी थी।