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गहलोत मंत्रिमंडल का पुनर्गठन, 11 कैबिनेट मंत्री और 4 राज्य मंत्री ने ली शपथ

राजस्थान। राजस्थान में आज का दिन ऐतिहासिक है। आज अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और 15 नए मंत्री शामिल किए गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने के लिए सभी मंत्रियों के इस्तीफे ले लिए थे। उसके बाद आज नए सदस्यों को शपथ दिलाई गई। इसमें सचिन पायलट के पांच करीबियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। आज 11 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। पायलट गुट के हेमाराम चौधरी ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।

सबसे पहले हेमाराम चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली है. हेमाराम चौधरी गुड़ामालानी सीट से विधायक हैं. वो 6 बार विधायक रह चुके हैं। इनके पास मंत्री से लेकर नेता विपक्ष तक का अनुभव है. हेमाराम जाट समाज से आते हैं. इन्हें सचिन पायलट का करीबी माना जाता है।

महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। महेंद्रजीत बागीदौरा सीट से विधायक हैं। इससे पहले भी ये मंत्री रह चुके हैं। महेंद्रजीत अनुसूचित जनजाति से आते हैं। महेंद्रजीत राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी हैं।

रामलाल जाट को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. रामलाल जाट समारोह में मंत्री पद की शपथ ली. रामलाल जाट पहले भी मंत्री रह चुके हैं. रामलाल जाट मांडल सीट से विधायक हैं. ये चौथी बार के विधायक हैं. रामलाल जाट, जाट समाज से आते हैं.

महेश जोशी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है. महेश जोशी हवामहल विधानसभा सीट से विधायक हैं. महेश जोशी तीन बार के विधायक हैं. ये ब्राह्मण समाज से आते हैं. महेश जोशी कांग्रेस के मुख्य सचेतक हैं. ये राजस्थान कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष रह चुके हैं.

विश्वेनद्र सिंह ने भी गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. विश्वेनद्र सिंह डीग-कुम्हेर सीट से विधायक हैं. कांग्रेस से पहले विश्वेनद्र सिंह बीजेपी में थे. इसके अलावा विश्वेनद्र सिंह भरतपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद भी हैं. पिछली दो बार से डीग-कुम्हेर सीट से विधायक हैं

रमेश चंद मीणा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. ये सपोटरा सीट से विधायक हैं. मीणा समाज से आते हैं. पिछले दो बार के विधायक हैं. ये करौली ज़िले से आते हैं. माना जाता है कि रमेश चंद मीणा सचिन पायलट के करीबी नेता हैं. 2008 में बसपा से जीते, फिर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में मंत्री बने. पायलट खेमे के बगावत के बाद मंत्री पद से बर्खास्त किया गया.

ममता भूपेश बैरवा ने को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. राज्यमंत्री ममता भूपेश को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. ये सिकराय सीट से विधायक हैं. ममता भूपेश बैरवा अनुसूचित समाज से आती हैं. इससे भी गहलोत सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. ये झुंझुनू ज़िले से आती हैं.

भजनलाल जाटव वैर सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. ये अनुसूचित जाति से आते हैं. पहले कृषि राज्य मंत्री के पद पर काम कर रहे भजनलाल जाटव को फिर से मंत्रिमण्डल में जगह मिली है. राज्य मंत्री से अब कैबिनेट मंत्री के तौर पर प्रमोट किया गया है. ये भरतपुर ज़िले से आते हैं.

राजस्थान के अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में आने वाले टीकाराम जूली राज्यमंत्री के तौर पर मंत्रिमंडल में जगह बनाए हुए थे. अब कैबिनेट विस्तार में उन्हें प्रमोट किया गया है. जूली के पास पहले श्रम विभाग की जिम्मेदारी थी. ये अलवर ग्रामीण सीट से विधायक हैं.

मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन के बाद कैबिनेट में कोई दलित मंत्री नहीं है. ऐसे में गोविंद राम मेघवाल, महेंद्रजीत सिंह मालवीय और ममता भूपेश को कैबिनेट में शामिल किया गया है. गोविंद राम मेघवाल खाजूवाला सीट से विधायक हैं. ये पहले बीजेपी का हिस्सा भी रह चुके हैं. दूसरी बार के विधायक हैं.

अलवर के बानसूर सीट से आने वाली शकुंतला रावत भी मंत्रिमंडल में शामिल हो गई हैं. दो बार बानसूर सीट से जीतने वाली शकुंतला पार्टी के भरोसेमंदों में से एक हैं. शकुंतला रावत राजस्थान महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी हैं. इसके अलावा ये राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की पूर्व सचिव भी हैं.

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद बृजेंद्र सिंह ओला शेखावाटी संभाग में पार्टी की जगह बनाए रखने में महत्वपूर्ण कड़ी के तौर पर देखा जा रहे हैं. पायलट समर्थक ओला शेखावाटी के बड़े जाट नेता हैं. ये पहले भी मंत्री रह चुके हैं. ये झुंझनू सीट से विधाय हैं. बृजेंद्र ओला जाट समाज से आते हैं.

सचिन पायलट को अपना नेता बताने वाले पायलट समर्थक मुरारीलाल मीणा को भी मंत्री बनाया गया है. इनको राज्यमंत्री के रूप में शामिल किया गया है. मुरारीलाल मीणा दौसा सीट से विधायक हैं. ये मीणा समाज से आते हैं. इससे पहले भी ये राजस्थान सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

गहलोत के खास माने जाने वाले राजेंद्र गुढ़ा भी मंत्री बनाए गए हैं. बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए गुढ़ा सियासी संकट में सरकार के साथ रहे, लेकिन बीते कुछ महीनों से सरकार और पार्टी से नाराज दिख रहे थे. बड़ी बात यह है कि राजेंद्र गुढ़ा के जीजा भवंर सिंह भाटी भी पहले से भी उच्च शिक्षा मंत्री के तौर पर कैबिनेट में जगह बनाए हुए हैं.

भरतपुर के कामां क्षेत्र से आने वाली मुस्लिम प्रत्याक्षी जाहिदा को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. पार्टी के लिए जाहिदा महत्वपूर्ण फैक्टर के तौर पर देखी जा सकती हैं. वहीं लंबे समय से मुस्लिम कैंडिडेट को मंत्री पद ना देने की जो बात चल रही थी, उसे भी अब विराम मिल जाएगा.

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