इंदौर। पाकिस्तान से आई गीता को उसके घर पहुंचाने के लिए आनंद मूक बधिर संस्थान के ज्ञानेंद्र रोहित और मोनिका पुरोहित के साथ ही इंदौर पुलिस भी कई तरह के जतन कर चुकी है, इतने प्रयास के बाद अब मंजिल काफी करीबी नजर आ रही है. जिस परिवार ने गीता को अपनी बेटी होने का दावा किया था. उनके डीएनए को लेकर कई तरह की संभावना व्यक्त की जा रही थी, लेकिन अब विदेश मंत्रालय से भी संस्था से जुड़े हुए ज्ञानेंद्र पुरोहित के पास फोन आ गया है. फोन आने से अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही अब गीता के डीएनए की प्रोसेस शुरू हो जाएगी। वहीं काफी प्रयास करने के बाद गीता ने जिस तरह की लोकेशन बताई थी, उस लोकेशन के आधार पर गीता को उसके परिजनों के काफी करीब तक पहुंचा भी दिया गया है।
महाराष्ट्र की महिला ने किया था दावा
बता दें कि गीता की पहचान महाराष्ट्र के परभणी जिला के जिंतूर की रहने वाली मीना पांढरे की बेटी के रूप में हुई है. मीना पांढरे ने गीता के पेट पर जले का निशान देखकर यह दावा किया था कि गीता उनकी बेटी है, लेकिन डीएनए को लेकर बात अटकी हुई थी. जिसे लेकर कई तरह के प्रयास भी एक हकीकत है. इंदौर पुलिस ने भी स्थानीय स्तर पर प्रचार करने की बात की थी, जिसके बाद यह पहल सार्थक होती नजर आ रही है. संस्था से जुड़े हुए ज्ञानेंद्र पुरोहित को विदेश मंत्रालय से फोन आ गया है और इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही गीता का डीएनए भी हो जाएगा, साथ ही ज्ञानेंद्र पुरोहित ने विदेश मंत्रालय के आला अधिकारियों से मांग की है कि गीता को सरकारी नौकरी दी जाए, जिससे कि वह अपना गुजर बसर ठीक तरीके से कर सकें और आत्मनिर्भर भी बन सकें और जिस जगह पर गीता अभी महाराष्ट्र के परभणी के एक एनजीओ में रह रही है, उस एनजीओ की आर्थिक सहायता की जाए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी करेंगे मांग
मूक बधिर संस्थान के ज्ञानेंद्र रोहित ने कहा कि अगर विदेश मंत्रालय या महाराष्ट्र सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं करती, तो वह आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी गीता को सरकारी नौकरी देने की मांग करेंगे. फिलहाल जिस तरह से अब विदेश मंत्रालय से डीएनए को लेकर फोन आया है, तो अब संभावना जताई जा रही हैं कि जल्द ही गीता का डीएनए भी हो जाएगा।