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दुर्गाष्टमी पर 100 लाख करोड़ के गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आर्थिक क्षेत्रों से बहुस्तरीय संपर्क के लिए गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की। यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है। देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 100 लाख करोड़ रुपए की इस गति शक्ति योजना से रोजगार के लाखों अवसर पैदा होंगे। इतना ही नहीं, यह योजना प्रधानमंत्री मोदी की आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस प्लान का मकसद महत्वाकांक्षी रूप से 1.5 ट्रिलियन डॉलर की राष्ट्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत परियोजनाओं को अधिक शक्ति व गति देने और 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने के लक्ष्य को बढ़ावा देना है।

देश की प्रगति का प्लान

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह नेशनल मास्टरप्लान 21वीं सदी के भारत को गति शक्ति देगा। पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हम अगले 25 वर्षों के लिए भारत की बुनियाद रच रहे हैं। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान, भारत के इसी आत्मबल को, आत्मविश्वास को, आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जाने वाला है। उन्होंने कहा कि आज दुर्गाष्टमी है। पूरे देश में शक्ति स्वरूपा का पूजन हो रहा है। शक्ति की उपासना के इस पुण्य अवसर पर देश की प्रगति की गति को भी शक्ति देने का शुभ कार्य हो रहा है।

योजना की खास बातें

  • गति शक्ति मुख्य तौर पर योजनाओं की तमाम बाधाओं को दूर करने, विभागों में बेहतर समन्वय और उसमें राज्यों को भी शामिल करने की वृहद योजना है।
  • 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को जीआईएस मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है।
  • 16 मंत्रालयों का ग्रुप आधारभूत संरचनाओं से संबंधित है। इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं।
  • अलग से योजना बनाने और डिजाइन करने के बजाय परियोजनाओं को अब एक सामान्य दृष्टि से डिजाइन और निष्पादित किया जाएगा और इसमें भारतमाला, सागरमाला और अंतरदेशीय जलमार्ग जैसे विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाएं शामिल होंगी।
  • टेक्सटाइल क्लस्टर, फार्मास्युटिकल क्लस्टर, रक्षा गलियारा, इलेक्ट्रॉनिक पार्क, औद्योगिक गलियारा, फिशिंग क्लस्टर और एग्री जोन जैसे आर्थिक क्षेत्रों को कनेक्टिविटी में सुधार और भारतीय व्यवसायों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कवर किया जाएगा।
  • मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के एक साधन से दूसरे मोड में आवाजाही के लिए एकीकृत और निर्बाध संपर्क प्रदान करेगी।
  • यह बुनियादी ढांचे की अंतिम गंतव्य कनेक्टिविटी की सुविधा लोगों के लिए यात्रा के समय को भी कम करने में सहायक होगी।

सैटेलाइट से रखेंगे नजर

सभी 16 मंत्रालयों के ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी और विशेषज्ञ होंगे। ये लोग सैटेलाइट से लिए गए 3 डी इमेज के जरिये उन योजनाओं का मूल्यांकन करेंगे और अपनी राय उन योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए देंगे।

कॉमन टेंडरिंग से होगा काम

75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले के प्राचीर से प्रधानमंत्री ने गति शक्ति प्रोजेक्ट का ऐलान किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत अब महत्वपूर्ण इन्फ्रा डेवलपमेंट का काम कॉमन टेंडरिंग के जरिये होगा। जैसे ग्रीनफील्ड रोड, रेल, आॅप्टिकल फाईबर, गैस पाईपलाईन, इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए एक ही टेंडर जारी किया जाएगा ताकि केंद्र और राज्यों की अलग अगल एजेंसियां और लोकल अथॉरिटी के साथ साथ प्राईवेट सेक्टर बेहतर तालमेल के साथ काम को अंजाम दे सके।

पैदा होंगे रोजगार के अवसर

प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। इससे पता चलेगा कि कहां रोड बनी है और रोड की जरूरत है। इसके जरिये युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

सरकारी व्यवस्थाओं की पुरानी सोच खत्म

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत, सरकारी व्यवस्थाओं की पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान देश की पॉलिसी मेकिंग से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स को, इन्वेस्टर्स को एक एनालिटिकल और डिसीजन मेकिंग टूल भी देगा.

विकास में इस तरह से आएगी तेजी

-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री द्वारा देश में करीब 200 मेगा फूड पार्क बनाने, फिश‍िंग क्लस्टर बढ़ाकर 202 तक करने, 15 लाख करोड़ के टर्नओवर वाले 38 इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर बनाने, 90 टेक्सटाइल क्लस्टर बनाने और 110 फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस क्लस्टर बनाने का लक्ष्य है।
-मास्टर प्लान के तहत 4 इंडस्ट्रि‍यल नॉड बनाने का प्रस्ताव है। ऐसा एक इंडस्टीÑयल नॉड यूपी के दादरी में, एक कर्नाटक के तुमुकुर में और महाराष्ट्र के शेंद्र बिडकिन में होगा।
-नेशनल इंडस्ट्र‍ियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश भर में 2024-25 तक 11 इंडस्ट्रि‍यल कॉरिडोर बनाने की योजना है।
-220 हो जाएगी 2024-25 तक एयरपोर्ट/हेलीपोर्ट/वाटरएयरोड्रम्स की संख्या। इसमें 109 नए एयरपोर्ट होंगे।
-2 लाख किमी लंबाई तक किया जाएगा 2024-25 तक एनएचएआई के द्वारा संचालित राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार।
-2014 में राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार सिर्फ 91,000 किमी था। नवंबर 2021 के अंत में यह 1.3 लाख किमी हो जाएगा।
-20,000 करोड़ रुपए के निवेश से यूपी और तमिलनाडु में 2 डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना है।
-1.7 लाख करोड़ रुपए के डिफेंस उत्पादों का उत्पादन होगा देश में और इनका करीब 25 फीसदी हिस्सा निर्यात किया जाएगा।
-2024-25 तक देश में रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को मौजूदा 1200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1600 एमटी तक किया जाएगा.।
-34,500 किमी तक गैस पाइपलाइन नेटवर्क करने की योजना है 2024-25 तक। यानी दो गुना। हर राज्य को नेचुरल गैस पाइपलाइन से जोड़ा जाएगा।
-35 लाख किमी का आॅप्ट‍िकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का प्लान है दूरसंचार विभाग का 2024 तक।
-4.52 लाख किमी सर्किट तक ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़ाएगा ऊर्जा मंत्रालय।
-29 एमएमटी क्षमता की गंगा नदी में और अन्य नदियों में 95 एमएमटी क्षमता की कार्गो ढुलाई करने की योजना।
-वाराणसी से असम में तिनसुख‍िया जिले के सादिया तक साल भर बड़ी नौकाएं चलने की शुरुआत की जाएगी।
-समुद्री बंदरगाहों से साल 2024-25 तक 1,759 एमएमटी प्रति साल की ढुलाई का लक्ष्य है।

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