Ganeshotsav 2021: श्रीगणेश को रिद्धि-सिद्धि के दाता और तीक्ष्ण बुद्धि का प्रदाता माना जाता है। शास्त्रोक्त मान्यता है कि प्रथम पूजनीय श्रीगणेश की पूजा से समस्त कष्टों का नाश होता है औऱ धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है। गजानन भगवान का परिवार बहुत समृद्ध है आइए जानते हैं गणपतिजी के परिवार के बारे में और उनसे जुड़ी खास बातें।
गणपतिजी के दो पोते आमोद और प्रमोद हैं
श्रीगणोश की माता देवी पार्वती और पिता महादेव है। गजानन के बड़े भाई कार्तिकेय हैं इसके अलावा उनके चार और भाई हैं, जिनके नाम सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा है। गणपति जी की तीन बहनें हैं जिनके नाम अशोक सुंदरी, ज्योकति या मां ज्वापलामुखी और देवी वासुकी या मनसा है। आमतैर पर यह माना जाता है कि भगवान गजानन की दो पत्नियां ऋद्धि और सिद्धि है, लेकिन इसके अलावा उनती तीन और पत्नियां तुष्टि, पुष्टि और श्री भी है। इस तरह से गणेशजी की पांच पत्नियां हैं। श्रींगणेश के दो पुत्र हैं जिनके नाम लाभ और शुभ है। गणपतिजी के दो पोतों के नाम आमोद और प्रमोद है।
गजानन को गुड़हल का रक्तवर्णी पुष्प अतिप्रिय है
श्रीगणेश को जल का अघिपति माना जाता है। गजानन को गुड़हल का रक्तवर्णी पुष्प अतिप्रिय है। मान्यता है कि स्वास्तिक में गणपति अपने पूरे परिवार सहित विराजते हैं। इसलिए शुभ कार्यों में स्वास्तिक बनाने की परंपरा है। गणेशजी को दुर्वा अतिप्रिय है लेकिन शमी-पत्र, बेलपत्र, केले का पत्ता भी उनको समर्पित किया जाता है। श्रीगणेश का वाहन वैसे तो मूषक माना गया है, लेकिन उनका वाहन कलयुग में घोड़ा माना गया है। सतयुग में सिंह, त्रेतायुग में मयूर, द्वापर युग में मूषक था। गजानन के अस्त्र पाश और अंकुश हैं। श्रीगणेश की पूजा बुधवार और चतुर्थी तिथि को अधिक फलदायी होती है। गणेश जी को मोदक, लड्डू आदि प्रिय है।