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अगले साल से भोपाल में 1 जून को रहेगी छुट्टी

अगले साल से भोपाल में 1 जून को रहेगी छुट्टी

सीएम शिवराज ने भोपाल गेट पर फहराया झंडा, लोगों को दी भोपाल गौरव दिवस की बधाई, कहा- भोपाल का सही इतिहास जानने के लिए बनेगा शोध संस्थान

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को भोपाल गौरव दिवस एवं विलीनीकरण दिवस के मौके पर भोपाल गेट पर झंडा वंदन किया। उन्होंने इस अवसर पर घोषणा की कि अगले वर्ष से भोपाल में 1 जून को भोपाल विलीनीकरण और भोपाल गौरव दिवस के अवसर पर शासकीय अवकाश रहेगा। उन्होंने एक शोध संस्थान बनाने का भी ऐलान किया। इससे युवा पीढ़ी को राजा भोज और रानी कमलापति आदि का इतिहास बताया जा सके। उन्होंने भोपाल गेट पर झंडा फहराया और मशाल प्रज्जवलित कर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके साथ ही स्वच्छता सैनिकों का सम्मान किया।

कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा कि देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था लेकिन भोपाल स्वतंत्र नहीं हुआ था। यहां के नवाब ने भोपाल रियासत को भारत में विलीन करने से मना कर दिया था। इस पर यहां विलीनीकरण आंदोलन चला था। भोपाल रियासत में रहने वाले लोगों ने लगातार पौने दो साल तक इसका भारत में विलीन कराने के लिए आंदोलन किया। बोरास में कई लोग शहीद हुए। डॉ. शंकरदयाल शर्मा समेत कई महापुरुषों ने लड़ाई लड़ी। जब लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने नवाब को आंखें दिखाई तब एक जून 1949 को भोपाल भारत का अंग बना। इसलिए भोपाल की आजादी का दिन ही गौरव दिवस होगा।

अगले साल से भोपाल में 1 जून को रहेगी छुट्टी
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अगले साल से भोपाल में 1 जून को रहेगी छुट्टी

आंदोलन के शहीदों को किया प्रणाम

मुख्यमंत्री ने झंडा वंदन के बाद मशाल प्रज्जवलित कर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने भोपाल गेट पर स्वच्छता सैनिकों का माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं विलीनीकरण आंदोलन के शहीदों को प्रणाम करता हूं। सभी को भोपाल के इतिहास के बारे में पता होना चाहिए। इसमें राजा भोज से लेकर रानी कमलापति आदि का इतिहास आएगा। अगले साल से एक जून को सरकारी छुट्टी रहेगी। जिससे आने वाली पीढ़ियों को पता चल सके कि एक जून को भोपाल आजाद हुआ था। वे उन शहीद-क्रांतिकारियों को याद कर सकें जिन्होंने भोपाल को स्वतंत्र कराने के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया था। पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने शासकीय अवकाश का मांग की थी।

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