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सारंगपुर में RTE में 146 स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश | 3470 सीट खाली

सारंगपुर में RTE में 146 स्कूलों में निशुल्क प्रवेश ,3470 सीट खाली

RTE में 1027 बच्चों को हुआ आवंटन, 638 ने ही लिया प्रवेश ,ब्लॉक में 4108 सीटों में से 3470 खाली

सारंगपुर। RTE के तहत गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया चल रही है। पहले चरण में 1027 बच्चों का लॉटरी के माध्यम से नाम चयनित हुआ है और उनमें से अब तक 638 ने प्रवेश लिया है। इसके बाद भी ब्लॉक में आवंटित सीटों में से 389 पर प्रवेश नहीं हो पाया है। जिन बच्चों की लॉटरी खुल गई है और उनका नाम सूची में आ गया है, उन्हें 10 अप्रैल से पहले निर्धारित स्कूल में प्रवेश लेना होगा।

दरअसल, विकासखंड में नि:शुल्क प्रवेश के लिए 4108 सीटें निर्धारित हैं, लेकिन इनके लिए कई पालक अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए आवेदन तक नहीं कर पाए हैं। कारण आवेदक के घर के नजदीक वाले स्कूल की जानकारी राज्य शिक्षा केंद्र के जीपीएस पोर्टल पर दिखाई नहीं देना बताया जा रहा है। विकासखंड में करीब 200 प्राइवेट स्कूल हंै, जिनमें से 146 में ही गरीब बच्चों को नि:शुल्क पढ़ने का मौका मिलता है।

दूसरा चरण 13 अप्रैल से
RTE के तहत प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश के लिए विकासखंड से सैकड़ों आवेदन आए थे, जिनमें से 1027 बच्चों की लॉटरी पहले चरण में खुल गई है, जबकि दूसरा चरण 13 अप्रैल से प्रारंभ होगा। उसी दिन पोर्टल पर रिक्त सीटों की संख्या दर्शाना होगी। द्वितीय चरण में स्कूलों की च्वाइस को अपडेट करने की प्रक्रिया 13 से 18 अप्रैल तक होगी। द्वितीय चरण में आॅनलाइन लॉटरी द्वारा स्कूल का आवंटन 20 अप्रैल को होगा।

RTE प्रवेश के लिए यह है पात्रता
कमजोर वर्ग के लिए बीपीएल/ अंत्योदय कार्ड मान्य।
-महिला एवं बाल विकास अधिकारी द्वारा पंजीकृत अनाथ बच्चे।
-वंचित समूह के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, वनभूमि के पट्टाधारी परिवार, विमुक्त जाति, नि:शक्त बच्चे (मेडिकल बोर्ड से जारी प्रमाण पत्र अनुसार)।
-बच्चों को नर्सरी या फर्स्ट क्लास में पढ़ना चाहिए।
-बच्चों को मध्य प्रदेश का स्थायी या मूल निवासी होना चाहिए।
-अभिभावक केवल अपने नजदीकी निजी स्कूलों में आरटीई प्रवेश फार्म जमा कर सकते हैं।
-सभी विवरण सही होने के साथ अभिभावकों को आॅनलाइन फॉर्म जमा करना होगा।
-बच्चों के माता पिता की वार्षिक आय अधिकारिक आय मानदंडों से अधिक नहीं होनी चाहिए।
-आरटीई कानून के अनुसार गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवार के बच्चे, अनाथ बच्चे, कोविड महामारी में माता-पिता दोनों या किसी एक को खो चुके बच्चे को प्राइवेट स्कूल में दाखिला मिल सकता है।
वंचित बच्चे भी कर सकेंगे आवेदन

पहले चरण में आरटीई के तहत जो बच्चे आवेदन नहीं कर पाए है, उन्हें एक और मौका देने की तैयारी चल रही है। द्वितीय चरण प्रारंभ होने से पहले इसके आदेश जारी हो जाएंगे। पहले चरण में लॉटरी खुलने के बाद कई सीटें अभी खाली रह गई है। उनके दूसरे और तीसरे चरण में भरने की उम्मीद है।
बीएल वर्मा, बीआरसी, सारंगपुर

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