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मध्यभारत में पहली बार इंदौर के निजी हॉस्पिटल में हार्ट फेल मरीज की हुई सफल सर्जरी

इंदौर। मध्यभारत में पहली बार इस तरह की सफल सर्जरी की गई है जिसमें एक व्यक्ति हार्ट फेलियर से जूझ रहा था उसे नया जीवनदान मिल गया।

शुजालपुर के 50 वर्षीय मरीज अर्जुन को मधुमेह था, वे बीमार थें और उन्हें कई बार दिल का दौरा पड़ चूका था, जिससे अंतत: उनका हार्ट फेलियर हो गया। 25 जुलाई को वे अपनी एक हफ्ते पुरानी इकोकार्डियोग्राम और एंजियोग्राम रिपोर्ट के साथ बहुत आशा लिए निजी हॉस्पिटल पहुंचे। रिपोर्ट्स देखने के बाद, डॉ. सरिता राव, सीनियर इंटरवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट और डॉ. के रोशन राव, सीनियर इंटरवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट के नेतृत्व वाली टीम को पता था कि उनके पास ज्यादा समय नहीं है। इंजेक्शन फ्रैक्शन (हार्ट पंपिंग) 5 प्रतिशत होने के कारण, मरीज के लिए समय तेजी से खत्म हो रहा था। टीम ने हार्ट ट्रांसप्लांट सहित अन्य कई विकल्पों के बारे में सोचा, लेकिन रोगी की स्थिति और स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए उपलब्ध सभी विकल्प उनके लिए ठीक नहीं थे।

टीम ने एक अपेक्षाकृत नई प्रक्रिया को चुनने का फैसला किया, जिसमें लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस नामक एक मैकेनिकल दिल, जिसे इम्पेला भी कहा जाता है, उसे मरीज को लगाना होता है। इस सिस्टम में एक पतली, लचीली ट्यूब (कैथेटर) के अंत में एक छोटा रक्त पंप होता है। यह आमतौर पर रोगी के कमर में रक्त वाहिका के माध्यम से डाला जाता है। एक बार प्रत्यारोपित होने के बाद, यह दिल की बाईं ओर से शरीर के विभिन्न भागों में रक्त पंप करता है। प्रत्यारोपित होने पर उपकरण शरीर के बाहर एक्सटर्नल कंसोल से जुड़ा होता है और बाएं वेंट्रिकल को दिल के कुछ काम करके आराम करने में मदद करता है, जिससे मरीज का दिल बेहतर तरीके से काम कर पाता है और चिकित्सक को एंजियोप्लास्टी, स्टेंट प्लेसमेंट आदि जैसे आवश्यक उपचार करने में मदद मिलती है।

टेम्पररी हार्ट की मदद से की एंजियोप्लास्टी

डॉ. सरिता राव ने बताया हार्ट फेल के मरीजों का हार्ट ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता है गंभीर रूप से बीमार हृदय रोगी और जिनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है, वे इस प्रक्रिया से अत्यधिक लाभ उठा सकते हैं। यह सबसे नई और उन्नत हृदय प्रक्रियाओं में से एक है। डॉ के. रोशन राव ने कहा जब उन्होंने हमसे संपर्क किया तो उन्होंने पहले जो भी इलाज करवाया था उसके बावजूद हमने उनकी मदद करने के बारे में सोचा। अर्जुन का हार्ट फेल हो चुका था इसका मतलब था कि उनके पास बहुत कम समय बचा था । इसलिए हमने उन्हें पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया और मैंने उन्हें टेम्पररी अर्टिफिशियल हार्ट इम्पेला के बारे में जानकारी दी। हमने उन्हें बताया कि हम टेम्पररी अर्टिफिशियल हार्ट की मदद से उनकी एंजियोप्लास्टी करेंगे। वे इस प्रक्रिया के लिए राजी हो गए और हमने इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया।

यह चमत्कार से कम नहीं

इलाज की पूरी प्रक्रिया के बारे में मरीज अर्जुन ने बताया यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। मैंने सारी उम्मीद खो दी थी क्योंकि मैं कई डॉक्टरों से मिल चूका था और कई अस्पताल भी जा चूका था। हर जगह से मुझे नाउम्मीद होकर ही लौटना पड़ा। अंतत: मुझमेें विशेषज्ञों ने उम्मीद की एक किरण दिखाई। उन्होंने कहा कि आप मुश्किल स्थिति में हैं लेकिन मुझे उम्मीद है, इस नई तकनीक से हम आपका इलाज कर सकते हैं। आज इस प्रक्रिया के तीन दिन बाद मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं, मुझे कोई दर्द नहीं है और मैं जीवन को एक नई आशा के साथ देखता हूं।

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