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उड़न सिख मिल्खा सिंह हुए सितारों की दुनिया में गुम, 91 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Milkha Singh: ‘उड़न सिख’ के नाम से विख्यात धावक मिल्खा सिंह का शुक्रवार देर रात 11:30 बजे चंडीगढ़ में निधन हो गया। वो पिछले एक महीने से कोरोना से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

पीजीआई अस्पताल में ली अंतिम सांस

इससे पहले उनकी 85 वर्षीया पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमित होने के बाद दम तोड़ दिया था। 91 साल के मिल्खा सिंह ने चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली। 20 मई को वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे। 24 मई को उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। और उसके बाद 30 मई को उन्हे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। 3 जून को ऑक्सीजन स्तर में गिरावट के बाद उन्हें फिर से पीजीआईएमईआर के नेहरू हॉस्पिटल एक्सटेंशन में भर्ती करवाया गया था। शुक्रवार को उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई रात को उनका निधन हो गया।

पाकिस्तानी पीएम ने दिया था उड़न सिख का खिताब

फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं। उन्होंने एशियाई खेलों 4 स्वर्ण पदक जीते थे। 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी मिल्खा सिंह ने स्वर्ण पदक जीता था। उनके जीवन का यादगार पल 1960 का रोम ओलंपिक था, जिसमें 400 मीटर फाइनल में वे चौथे स्थान पर रहे थे। 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था। उड़न सिख मिल्खा सिंह का जन्म अविभाजित भारत (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। आजादी के बाद वह हिंदुस्तान आ गए थे। मिल्खा की प्रतिभा और रफ्तार से प्रभावित होकर उन्हें ‘फ्लाईंग सिख’ का खिताव तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री फील्ड मार्शल अयूब खान ने दिया था।

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