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श्री अवंति पार्श्वनाथ तीर्थ की चतुर्थ वर्षगांठ पर हुआ ध्वजारोहण

उज्जैन । श्री अवंति पार्श्वनाथ तीर्थ के त्रिशिखरी जिनालय की चतुर्थ वर्षगांठ महोत्सव के उपलक्ष्य में बैंगलोर के श्री कुशलराज गुलेच्छा परिवार ने मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया।

अवंति तीर्थोद्वारक गच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभ सूरिश्वर जी म.सा. के आशीर्वाद से एवं आचार्य श्री नवरत्न सागर सूरिश्वरजी म.सा. के सुशिष्य गणिवर्य आदर्श रत्न सागरजी म.सा. के सुशिष्य मुनि मलय रत्न सागरजी एवं हिंकार रत्न सागरजी म.सा. की पावन निश्रा में ध्वजा का वरघोडा निकला।

सत्तर भेदी पूजा के साथ श्री अवंति पार्श्वनाथ तीर्थ की मुख्य ध्वजा के लाभार्थी परिवार बैंगलोर निवासी संघवी कुशलराज उत्तमचंदजी ललित कुमारजी गुलेच्छा परिवार ने पूरे विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण किया। इसके अलावा बडगांव कोल्हापुर निवासी हीरालालजी कुमारजी विकासजी, परिवार ने चिंतामणि पार्श्वनाथ व सूरत निवासी श्री मांगीलालजी, जितेन्द्रजी, मनीषजी मालू परिवार ने श्री आदेश्वर भगवान की कायमी ध्वजारोहण किया, संगीतकार व विधि कारक श्रीसंजय जी छाजेड सुवासरा ने विधि विधान कराया।

मुख्य ध्वजा के लाभार्थी कुशलराज गुलेच्छा ने बताया कि आज से चार वर्ष पूर्व उक्त प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्वार पूज्य गुरूदेव गच्छाधिपति आचार्य भगवंत जिन मणिप्रभ सूरिश्वरजी म.सा. एवं देश भर से आये करीबन 200 से अधिक साधु साध्वीजी की पावन निश्रा मे भव्य प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई थी। बैंगलोर से ललित डाकलिया ने बताया कि अति प्राचीन श्री अवंति पार्श्वनाथ तीर्थ जिसको आचार्य सिद्धसेन दिवाकर सूरिश्वरजी द्वारा आज से लगभग 2300 वर्ष पूर्व राजा विक्रमादित्य काल में कल्याण मंदिर स्त्रोत की रचना करते हुये शिवलिंग में से स्फुटित प्रभु की प्रतिमा को प्रकट किया गया था।

ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक कोठारी के अनुसार 4 फरवरी 2023 को प्रातः 7.30 बजे ध्वजा वरघोडा श्री सत्यनारायण मंदिर से प्रारंभ होकर दानीगेट, अवंति पार्श्वनाथ नाचते गाते पहुंचा एवं सत्तरभेदी पूजा हुई। इस अवसर पर‌ शहर से और देशभर से अनेक श्रद्धालु ध्वजारोहण के अवसर पर अवंती पार्श्वनाथ के दरबार में एकत्रित हुए।

अर्चित अरविन्द डांगी { मध्यप्रदेश, रतलाम }

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