भोपाल। सोशल साइट जस्ट डायल से डेटा चुरा कर गेहूं खरीदने के नाम पर 45 लाख 70 हजार रुपये की चपत लगाने वाले पांच आरोपियों को भोपाल क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता प्राप्त की है। गिरोह सरगना ने साथियों के साथ मिलकर फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी खोल रखी थी। उसके साथी जस्ट डायल से डाटा निकालकर गेहूं की खरीदार और विक्रेता दोनों से संपर्क करते थे। गेहूं खरीदने के लिए तैयार व्यक्ति को गेहूं बेचने वाले के गोदाम में रखा गेहूं दिखा दिया जाता था। इसके बाद सौदा पक्का कर अपने खातों में गेहूं के ऐवज में अग्रिम राशि डलवाकर रूपये हड़प लेते थे। पुलिस ने आरोपितों के खाते में जमा छह लाख 88 हजार रुपये फ्रीज करा दिए हैं।
राजधानी के पुलिस कंट्रोल रूम में पूरे मामले का खुलासा करते हुए पुलिस उपायुक्त साईकृष्ण थोटा ने बताया कि बीते दिनों क्राइम ब्रांच को मिली शिकायत में एसएम एक्सपोर्ट कंपनी के संचालकों ने उससे 1250 टन गेहूं प्रदाय करने के नाम सौदा किया था। इसके बाद गेहूं के ट्रांसपोर्ट एवं बारदाना के लिए फरियादी से 45 लाख 70 हजार रूपये चार अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाकर धोखाधड़ी कर ली है। शिकायत की जांच के दौरान संबंधित बैंकों से जानकारी जुटा कर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। साइबर क्राइम टीम द्वारा तकनीकि विश्लेषण के आधार पर साक्ष्य जुटाते हुए लखनऊ, फरुखाबाद,ग्वालियर एवं भोपाल में दबिश देकर पांच आरोपितों को गिरफतार कर लिया। उनके पास से वारदात में इस्तेमाल किए गए छह मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड, 13 एटीएम कार्ड, दो चेक बुक, दो लाख 10 हजार रूपये बरामद किए है। इसके अलावा ठगी की राशि से खरीदी गई एक कार भी जब्त की गई है।
खरीददार से फोन पर संपर्क करके गेंहू बेचने का ऑफर करते थे। व्यापारी गेहूं खरीदने को तैयार हो जाता था तो गोदाम ले जाकर गेहूं भी दिखा दिया जाता था। सौदा पक्का होने पर उससे बारदाना, ट्रांसपोर्ट के नाम पर अग्रिम राशि अपने अलग-अलग खातों में डलवा कर रफूचक्कर हो जाते थे।