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ड्यूटी से महिला डॉक्टर गायब, नर्से वाट्सएप्प पर व्यस्त, लेबर रूम की जगह वार्ड के बिस्तर पर ही हो गया प्रसव

बुरहानपुर। जिला अस्पताल में लापरवाही का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार का साम्राज्य फैला है। गुरुवार को जिला अस्पताल में नर्सों द्वारा भ्रष्टाचार एवं अवैध वसूली मरीजों से की जा रही है। अवैध वसूली का मामला दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

डिलीवरी वार्ड में नर्सों का अवैध वसूली का आतंक जारी है। यह कोई पहला मामला नहीं है जिला अस्पताल में कई बार रिश्वत कांड में के बड़े-बड़े खुलासे भी हुए हैं, उसके बाद भी जिला अस्पताल की नर्स है और उनके साथ कुछ महिलाए और होती वह मरीज के परिजनों से अवैध वसूली का कार्य कर रही है। ड्यूटी डॉक्टर इतने मद मस्त और निरंकुश हो गए हैं कि रात्रि कालीन ड्यूटी पर आना ही उचित समझते हैं। सिविल सर्जन के आदेशों को डस्टबीन के हवाले करना अपनी शान समझते हैं। सोनाली की डिलेवरी के समय भी डॉ. सुरभी शाह जिला अस्पताल में नदारद रही। ये डॉ. शासन की ओर से तनख्वाह तो पूरी ले रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी जिला अस्पताल में सेवाएं देने के नाम पर मात्र 0 बटा सन्नाटा छाया हैं।

लगातार महिलाएं वहां तड़पती बिलखती दिखाई देती है। जिला अस्पताल में आलम यह हैं कि वहाँ पदस्थ डॉ. सुरभि शाह किसी प्रकार से मरीजों का ध्यान नही देती है। जिला अस्पताल में लापरवाही एवं अवैध वसूली का मामला बुरहानपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष डॉ. आनंद दिक्षित के संज्ञान में आते ही उनके द्वारा यह मामले को प्रमुखता से उठाते हुए दिखाई दिए हैं। जिसके बाद में जिला अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है। इस पूरे मामले को लेकर डॉ आनंद दीक्षित ने सीएमएचओ एवं जिम्मेदार अफसरों से दबंगता से बात की है और निष्पक्ष रुप से दोषी डॉ. एवं नर्सों पर कार्रवाई करने के संबंध में भी चर्चा भी की गई है। बुरहानपुर जिला अस्पताल 131 करोड रुपए की लागत से बना हुआ है।

सरकार की मंशा हैं, कि मध्यम एवं गरीब परिवारों के लोगों को इसका पूरा लाभ मिले स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके लेकिन लेकिन ऐसा ना होते हुए जिला अस्पताल में डॉ सुरभि जैसे लापरवाह डॉक्टरों के कारण मध्यमवर्गीय परिवारों के मरीजों के साथ हो रहा है खिलवाड़ हो रहा है। विगत दिनों सोनाली की डिलिवरी के प्रकरण में रात्रि ड्यूटी में गायत्री कुराडे एवं कविता झाड़े नर्स थीं। दुर्गाबाई एवं कमलाबाई आया बाई ड्यूटी पर थे। दोनों नर्स लेबर रूम में ऐसा क्या कर रही थी कि उन्हें तड़पती हुई सोनाली एवं उसकी चीखों की आवाज़ तक सुनाई नहीं दी? दिनों नर्सो का अमानवीय कृत्य क्या सही हैं? एक आया बाईं के हवाले प्रसूता को वार्ड में छोड़ना कितना सही हैं? इतना ही नहीं परिजनों से पैसों की मांग कर उसमें भी बर्गेनिग कहाँ तक उचित हैं? यदि हम अन्य परिजनों की बातों पर विश्वास करे तो अवैध वसूली का आलम यहाँ तक हैं कि जिला अस्पताल में मरीजों के परिजनों द्वारा रिश्वत नहीं देने पर यहां का स्टाफ तक कहता हैं कि हम आपको पलंग नहीं देंगे नीचे ही जगह देंगे और अन्य तरीके की धमकियां देकर अवैध वसूली करते हैं। लाखों रुपए रोज की हो रही है। अवैध वसूली जिला अस्पताल में मरीजों के परिजनों से सबसे बड़ी लापरवाही तो डॉक्टर सुरभि शाह की है जो ड्यूटी के दौरान उपस्थित नहीं थी। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाना चाहिए ताकि ऐसी लापरवाही से बुरहानपुर की जनता को निजात मिल सके।

जिला अस्पताल के पूरे कैमरे में यह घटनाएं कैद हो गई है इस कैमरे की वीडियो फुटेस निकालकर विशेष टीम गठित कर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाना चाहिए। नर्सों के द्वारा भी माननीय व्यवहार महिलाओं से किया जाता है। मरीज जिंदगी और मौत की जंग लड़ता है और नर्से मोबाईल में व्यस्त रहते हैं। गुरुवार को जिला अस्पताल में आसिफ नामक युवक के साथ भी अवैध वसूली की गई है । उनके द्वारा यह बताया गया कि मेरे से नर्सों के द्वारा ₹1000 की मांग की गई थी मेरी स्थिति खराब होने के कारण मैंने 1000 का नहीं बोला जैसे तैसे ₹600 में मामला शांत हुआ। उसके बाद में उन्होंने इलाज करना शुरू किया। यह रुपए मेरी मम्मी के माध्यम से अंदर लिए गए। गुरुवार को जिला अस्पताल में विजय निम्भौरे के परिजनो से अवैध वसूली की है जिला अस्पताल की नर्सों का अमानवीय व्यवहार रहा इनकी पत्नी सोनाली प्रसव के समय बहुत ही परेशानी हो रही थी उस समय भी नर्सों को बताया गया उसके बावजूद भी नर्से मोबाईल में व्यस्त रही। डिलीवरी का समय भी रजिस्टर में गलत लिखा जा रहा है।

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